No attention to the dilapidated building बालोद जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। स्कूली बच्चे जर्जर भवन में पढऩे को मजबूर हैं। स्कूल जतन योजना के तहत कई स्कूलों की मरम्मत स्तरहीन है। कुछ स्कूलों का निर्माण भी शुरू नहीं हुआ है। डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम कमकापार के शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल भवन से पानी टपकने लगा तो ग्रामीणों ने भवन के ऊपर तिरपाल बिछा दी है।
ग्राम धौराभांठा में संचालित प्राथमिक शाला के लिए नया भवन बनाने पुराने भवन को तोड़ दिया गया, लेकिन दो साल से निर्माण शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में एक कमरे में पहली से पांचवीं तक की कक्षा संचालित है। यहां एक कमरे में अब 40 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
ग्राम कमकापार के ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को तत्काल बंद करने की मांग की। सरपंच रवि टांडिया ने बताया कि स्कूल भवन जर्जर है। छत से पानी टपक रहा है। स्कूल की छत पर तिरपाल बिछाया गया है। भवन की दीवारों में भी पानी का रिसाव है, जिसके कारण कभी-कभी करंट का आभास होता है। इसलिए इस स्कूल भवन में कक्षाओं का संचालन नहीं कराने की मांग की है। ग्रामीण मोहन सिन्हा की माने तो स्कूल की दयनीय स्थिति की जानकारी शिक्षा विभाग होने के बाद भी एक भी अधिकारी यहां नहीं पहुंचा। यहं कुल 145 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
गोटूलमुड़ा स्कूल की छत से गिर रहा प्लास्टर, टपक रहा पानी
ग्राम गोटूलमुंडा में संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय की छत से पानी टपक रहा है। बच्चे जर्जर छत के नीचे टपकते पानी के बीच पढ़ाई के रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक बीते साल पुराने पूर्व माध्यमिक स्कूल को तोड़ा गया। उसे दोबारा बनाने पर ध्यान नहीं दिया गया। भवन अधूरा है। नए स्कूल भवन के निर्माण की मांग ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व शासन से की है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द भवन की मरम्मत व नए भवन का निर्माण नहीं होने पर तालाबंदी और धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
बालोद जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले ने कहा कि जनदर्शन में स्कूल भवन जर्जर होने के कुछ मामले आए हैं। ग्रामीणों के आवेदनों के आधार पर जानकारी मंगाई जा रही है। पूरी जानकारी मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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