लॉ, जर्नलिज्म जैसी कई परीक्षाओं में हुईं असफल (Success Story)
काजल श्रीवास्तव ग्रेटर नोएडा की रहने वाली हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान खुद ही बताया कि वे शुरुआत से पढ़ने में बहुत अच्छी नहीं थीं। लेकिन उनके अंदर कुछ करने की चाह थी। इसी कोशिश के साथ उन्होंने लॉ, जर्नलिज्म जैसे कई परीक्षाएं दी लेकिन सभी में असफल रहीं। वर्ष 2013 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से इतिहास में ग्रेजुएशन करने के बाद यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया। लगातार कोशिशों के बाद भी वो लगातार 6 बार यूपीएससी परीक्षा में फेल रहीं। रिश्तेदारों की कड़वी बातों के कारण कूदकर जान देने वाली थीं काजल
बार बार फेल होने के बाद काजल की हिम्मत टूटती जा रही थी। धीरे धीरे रिश्तेदारों ने ताना देना शुरू कर दिया। एक दिन काजल ने हताश होकर सुसाइड करने का सोचा। वो अपने फ्लैट की बालकनी से कूदने वाली थीं तभी उनकी छोटी बहन ने उन्हें रोक लिया। काजल की बहन ने उन्हें भरोसा दिलाया कि परिवार में सभी को उन पर गर्व है और लोगों की बातों की परवाह किए बिना कोशिश करते रहें। छोटी बहन की बातें सुनकर काजल को महसूस हुआ कि वो कितनी बड़ी गलती करने जा रही थी और उन्हें ठान लिया कि अब कुछ करके दिखाना है। काजल ने उस दिन अपनी डायरी में लिखा, “तावसी…माई मूवमेंट।” इस शब्द का संस्कृत में अर्थ है महिला का साहस।
परीक्षा से एक दिन पहले पेट में उठा भयानक दर्द (Success Story)
काजल ने पहली बार 2014 में यूपीएससा (UPSC CSE) की परीक्षा दी थी। उस समय वे प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाई थीं। साल बदलते गए पर काजल हर बार असफल रहीं। वर्ष 2016 में परीक्षा से ठीक एक दिन पहले उनके पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। डॉक्टर दिखाने पर पता चला कि ये दर्द कोई मामूली नहीं बल्कि अपेंडिसाइटिस की है। डॉक्टर ने काजल को फौरन सर्जरी कराने की सलाह दी। पर काजल कहां मानने वाली थीं, उन्होंने पेन किलर लेकर परीक्षा देने का फैसला लिया। हालांकि, वे बेहोश होने के कारण परीक्षा नहीं दे पाई थीं। ऐसा नहीं था कि काजल मेहनती नहीं थी, उनके नोट्स पढ़कर दोस्त यूपीएससी सीएसई (UPSC CSE) परीक्षा पास कर रहे थे। वर्ष 2017 में काजल ने एक बार फिर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की। इस दौरान वो कलरीपायट्टु से जुड़ी और उनकी जिंदगी बदल गई।
काजल इस कला को दे रही हैं बढ़ावा (Success Story)
कलरी ज्वॉइन करने के बाद काजल की जिंदगी बदल गई। 2020 तक वो 6 बार यूपीएससी में फेल हो चुकी थीं। लेकिन अब मानसिक स्वास्थ्य, आंखों की रोशनी जो सब वो यूपीएससी की तैयारी करने के दौरान खो चुकी थीं, वो लौटने लगा। कलरीपायट्टु की मदद से काजल ने मोटापे पर भी काफी कंट्रोल कर लिया। उनकी थायराइड और मोटापे की परेशानी दूर हुई और साथ ही उनका चश्मा भी हट गया। आज, काजल श्रीवास्तव उत्तर भारत की इकलौती महिला हैं (Success Story Of Kajal Srivastava) जो इस कला को आगे बढ़ा रहीं हैं। काजल ने अपना स्टार्टअप ‘तावसी’ भी शुरू किया है जो दो भागों में बंटा हुआ है। एक भाग लोगों को मोटिवेट करने के लिए है और दूसरा ‘स्वदेशी स्पोर्ट्स वियर’ ब्रांड जिसके माध्यम से वह केमिकल-मुक्त परिधानों के प्रति जागरुकता पैदा करती हैं। बता दें, कलारीपयट्टू एक मार्शल आर्ट है। कलरी का अभ्यास शरीर और मन की दोनों शक्तियों को संतुलित करने के लिए किया जाता है। सही तरह से अभ्यास करने पर यह योग की तरह फायदेमंद साबित हो सकता है।