गृह मंत्रालय ने नोटिस जारी कर क्या कहा?
23 अगस्त को जारी गृह मंत्रालय के लिखित संचार में आग्रह किया गया है कि राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को आतंकवाद के शिकार नागरिकों के लिए एमबीबीएस सीटों के आवंटन के लिए पात्र उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित करते समय व्यापक प्रचार करना चाहिए। गृह मंत्रालय के आतंकवाद निरोधक एवं कट्टरपंथ निरोधक (सीटीसीआर) प्रभाग ने स्वास्थ्य मंत्रालय के 13 अगस्त के निर्णय का हवाला देते हुए पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया, “शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के दौरान, आतंकवाद के शिकार नागरिक श्रेणी से उम्मीदवारों के नामांकन के लिए गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में केंद्रीय पूल से चार एमबीबीएस सीटें निर्धारित की गई हैं।”
बिहार के गया जिले को मिलेगी 1 सीट (MBBS Seats)
चार एमबीबीएस सीटों में से, बिहार के गया स्थित एएन मगध मेडिकल कॉलेज और महाराष्ट्र के मुंबई स्थित ग्रांट मेडिकल कॉलेज को एक-एक सीट आवंटित की जाएगी, जबकि छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित पंडित जेएनएम मेडिकल कॉलेज को दो सीटें आवंटित की जाएंगी। ये चार एमबीबीएस सीटें केंद्रीय पूल से आतंकवाद के शिकार (Victims of terrorism) लोगों के जीवनसाथी और बच्चों को आवंटित की जाएंगी। उम्मीदवार को आतंकवाद के शिकार मृतक या विकलांग नागरिक का जीवनसाथी या बच्चे होना चाहिए।
पात्रता मानदंड जान लें (Victims of Terrorism)
पात्रता मानदंड के अनुसार, अभ्यर्थी की प्रवेश के समय आयु 17 वर्ष पूरी होनी चाहिए या स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश के वर्ष की 31 दिसंबर को या उससे पहले आयु पूरी हो जाएगी और वह भारतीय नागरिक होना चाहिए। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियमन के अनुसार, अभ्यर्थी को भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी और अंग्रेजी विषयों में अलग-अलग उत्तीर्ण होना चाहिए और 12वीं कक्षा की योग्यता परीक्षा में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान में कुल मिलाकर न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक (एससी/एसटी/ओबीसी के लिए 40 प्रतिशत और सामान्य-पीएच के लिए 45 प्रतिशत और एससी-पीडब्ल्यूडी/एसटी-पीडब्ल्यूडी/ओबीसी-पीडब्ल्यूडी (विकलांग व्यक्ति) श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 40 प्रतिशत) प्राप्त करने चाहिए। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियमों के अनुसार, उम्मीदवारों के लिए NEET (UG)-2024 में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक होगा। हालांकि, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के संबंध में न्यूनतम अंक 40 प्रतिशत होंगे। विशेष विकलांगता वाले उम्मीदवारों के संबंध में, न्यूनतम अंक 45 प्रतिशत होंगे। एमबीबीएस/बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा में अखिल भारतीय सामान्य मेरिट सूची में प्राप्त उच्चतम अंकों के आधार पर प्रतिशत निर्धारित किया जाएगा। प्राथमिकता उन बच्चों को दी जाएगी जिनके माता-पिता दोनों आतंकवादियों द्वारा मारे गए हैं; उन परिवारों के बच्चे जिनके एकमात्र कमाने वाले को आतंकवादियों ने मार दिया है; और आतंकवादी अभियानों के कारण स्थायी विकलांगता और गंभीर चोट वाले पीड़ितों के बच्चे। अनुरोध है कि नागरिक आतंकवादी पीड़ितों की श्रेणी के अंतर्गत पात्र उम्मीदवारों के आवेदन पत्र, संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के गृह विभाग द्वारा विधिवत सत्यापित सभी दस्तावेजों के साथ, 17 सितंबर, 2024 तक स्पीड पोस्ट या पंजीकृत डाक द्वारा गृह मंत्रालय के सीटीसीआर प्रभाग को भेजे जाएं।
17 सितंबर से पहले करें आवेदन (Victims of Terrorism)
यह स्पष्ट किया जाता है कि एमबीबीएस सीटों (MBBS Seats) के आवंटन के लिए केवल गृह मंत्रालय में 17 सितंबर, 2024 तक प्राप्त आवेदनों पर ही विचार किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने बताया कि “अंतिम तिथि में कोई विस्तार नहीं किया जाएगा और कोई अनुस्मारक जारी नहीं किया जाएगा।