श्रेया झा बनी ICSE 10वीं कक्षा की स्टेट टॉपर, कहा- मां के सपोर्ट के बिना संभव नहीं था
खेल-कूद में उलझाए रखें
ऐसे बच्चे जो एनर्जेटिक होते हैं, वे घर में पूरे दिन खेलते कूदते रहते हैं। ऐसे में वे बेवजह थक जाते हैं। इस तरह के बच्चों को क्रिकेट, फुटबॉल आदि की क्लास में भेजना चाहिए। एक मेंटर के दिशा-निर्देश में वे स्पोर्ट्स के अलावा भी बहुत कुछ सीखेंगे।डांस या म्यूजिक क्लास
यदि आपके बच्चे की रूचि खेल-कूद में नहीं है तो उनका दाखिला किसी डांस व म्यूजिक क्लासेज या आर्ट्स क्लासेज में करा दें। इससे उनका शारीरिक और मानसिक दोनों ही विकास होगा। कथक नृत्यांगना, संगीत शिक्षायतन की संस्थापक और असिस्टेंट प्रोफेसर (पीडब्लूसी) यामिनी शर्मा से जब हमने पूछा कि क्या चंचल बच्चों को डांस क्लासेज में देने से उनमें कुछ सुधार आता है तो उन्होंने कहा कि नृत्य एक ऐसी कला है जो आपके तन और मन दोनों को एकाग्रता की ओर ले जाता है। नृत्य में ये गुण है कि वो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से फायदा पहुंचाता है। कथक नृत्यांगना ने आगे कहा कि ऐसे बच्चे जो शरीर से काफी एनर्जेटिक होते हैं वे जब डांस करने लगते हैं तो मन से भी फुर्तीले बन जाते हैं।क्या आपका बच्चा भी गलत हिंदी बोलता है?…इन आसान टिप्स की मदद से करें सुधार
घर के काम में बच्चों से लें मदद
छोटे बच्चे जो भी सीखते हैं, उसमें मां (Mothers Day 2024) की बड़ी भूमिका होती है। यदि आपका बच्चा बहुत एनर्जेटिक है और पूरे दिन घर में इधर-उधर भागता रहता है तो उसे घर के कामों में उलझाएं। इससे वे आपकी मदद करना भी सीखेंगे और साथ ही सही जगह पर खुद की एनर्जी का इस्तेमाल करेंगे। उदाहरण के लिए आप अपने बच्चे से घर के छोटे-मोटे काम जैसे कि बिस्तर ठीक करना, अलमारी समेटने का काम करा सकती हैं।पेड़- पौधे लगाना
बच्चों से पेड़-पौधा लगवाएं, जिससे उनमें प्रकृति प्रेम की भावना जगे। पेड़-पौधे लगाने से एक अलग सा सुकून मिलता है। साथ ही प्रकृति के साथ समय बीताने से हमारे शरीर में एक अलग सी ऊर्जा उत्पन्न होती है।