scriptमामूली शिक्षक से पर्यटन राजदूत तक का सफर…जानिए कैसे हुई Anand Kumar के करियर की शुरुआत, इस फेमस विश्वविद्यालय से आया था ऑफर   | Super 30 Founder Anand Kumar started his career with two students only, know his educational qualification | Patrika News
शिक्षा

मामूली शिक्षक से पर्यटन राजदूत तक का सफर…जानिए कैसे हुई Anand Kumar के करियर की शुरुआत, इस फेमस विश्वविद्यालय से आया था ऑफर  

Anand Kumar Founder Of Super 30: सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार को 2024 के लिए कोरिया सरकार ने कोरिया पर्यटन के मानद राजदूत के रूप में नियुक्त किया है। इस मौके पर आइए जानते हैं, कैसे उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत की।

नई दिल्लीAug 02, 2024 / 01:50 pm

Shambhavi Shivani

Anand Kumar
Anand Kumar Founder Of Super 30: आनंद कुमार एक ऐसा नाम हैं जो किसी पहचान की मोहताज नहीं। उनके काम करने के तरीके को लाखों लोग पसंद करते हैं। वहीं अब उनके नाम के साथ एक और उपलब्धि जुड़ी है। सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार को 2024 के लिए कोरिया सरकार ने कोरिया पर्यटन के मानद राजदूत के रूप में नियुक्त किया है। इस नियुक्ति से संबंधित समझौते पर दिल्ली में बुधवार को हस्ताक्षर किया गया। 

पिता डाक विभाग में करते थे नौकरी (Anand Kumar Education)

आनंद कुमार का जन्म 1 जनवरी 1973 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। उनके पिता डाक विभाग में क्लर्क थे और वे एक निम्न मध्यम वर्ग के परिवार से ताल्लुक रखते थे। आनंद कुमार की शुरुआती पढ़ाई हिंदी माध्यम के सरकारी स्कूल से हुई थी। हाई स्कूल की पढ़ाई उन्होंने पटना हाई स्कूल से पूरी की। आनंद कुमार ने बिहार के प्रसिद्ध पटना विश्वविद्यालय (Patna University) से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज से शिक्षा हासिल की है। 
यह भी पढ़ें
 

IGNOU Admission: इग्नू ने एक बार फिर बढ़ाई लास्ट डेट, महीने के इस तारीख तक कर सकते हैं आवेदन

गरीबी के कारण रह गए सपने अधूरे 

बचपन से ही गणित में काफी तेज थे। उनकी प्रतिभा के कारण उन्हें कैंब्रिज और शेफ़ील्ड विश्वविद्यालयों में पढ़ने का मौका मिला। बहुत कम लोगों को इस तरह का मौका मिलता है। लेकिन पिता की मृत्यु और आर्थिक तंगी के कारण आनंद कुमार आगे नहीं बढ़ पाए। वे चाहते तो बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन पर काफी जिम्मेदारी थी। 
Super 30

इस तरह हुई करियर की शुरुआत (Anand Kumar Career)

आनंद कुमार (Anand Kumar) ने पिता की मृत्यु के बाद काफी संघर्ष किया। उनकी मां ने छोटी सी पापड़ की दुकान शुरू की, जिसके लिए आनंद शाम के समय भी डिलीवरी का काम भी किया करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए आनंद को मजबूरन तीसरी श्रेणी की नौकरी का प्रस्ताव अपनाना पड़ा। हालांकि, उन्होंने अपने सपनों को मरने नहीं दिया। इसे दूसरे छात्रों के जरिए पूरा किया। आनंद कुमार ने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के कैंडिडेट्स को साल 1992 में गणित (Maths Teacher) पढ़ाना शुरू किया। शुरुआत में उनके पास सिर्फ 2 बच्चे आते थे। लेकिन देखते देखते ही संख्या बढ़ी और साल के अंत में करीब 36 विद्यार्थी जुट गए। वे छात्रों को सिर्फ 1000 रुपये की सलाना फीस पर कोचिंग देते थे। 
यह भी पढ़ें

Good News: बच्चों की अगस्त में मौज! इस महीने होगी कई सारी छुट्टियां, देखें लिस्ट

एक स्टूडेंट की बातों ने बदल डाली किस्मत (Super 30)

वर्ष 2000 में एक छात्र ने आनंद कुमार की किस्मत और सोचने का नजरिया बदल डाला। इस साल उनके पास एक छात्र आया जो आईआईटी जेईई परीक्षा की तैयारी करना चाहता था, लेकिन उसके पास दूसरे महंगे कोचिंग संस्थानों की फीस नहीं थी। तब आनंद कुमार ने गरीब परिवार से आने वाले ऐसे छात्र जो आईआईटी जेईई की तैयारी करना चाहते हैं, उन्हें सपोर्ट करने का सोचा। उन्होंने वर्ष 2002 में ‘सुपर 30’ की नींव रखी थी। ऐसा कहा जाता है कि सुपर 30 के 480 छात्रों में से 422 ने जेईई परीक्षा में सफलता हासिल की थी। 

कई सारे सम्मान मिल चुके हैं 

आनंद कुमार ने अपने काम के जरिए समाज में जो योगदान किया इसके लिए उन्हें वर्ष 2023 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इसके अलावा ‘टाइम’ पत्रिका ने सुपर-30 को 2010 में बेस्ट ऑफ एशिया का खिताब दिया। इसके अलावा छात्रों को मुफ्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए आनंद कुमार का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। इसके अलावा भी उन्हें कई प्रकार के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। आनंद कुमार पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन चुकी है और उन्हें लोग भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जानते हैं। 

Hindi News/ Education News / मामूली शिक्षक से पर्यटन राजदूत तक का सफर…जानिए कैसे हुई Anand Kumar के करियर की शुरुआत, इस फेमस विश्वविद्यालय से आया था ऑफर  

ट्रेंडिंग वीडियो