कई सालों तक कोटक बैंक के साथ किया काम (Falguni Nayar)
फाल्गुनी नायर का जन्म 9 फरवरी 1963 को मुंबई के एक गुजराती परिवार में हुआ था। उन्होंने सिडेनहैम कॉलेज से बीकॉम किया और एएफ फर्ग्यूसन कंपनी के साथ मैनेजमेंट कंसल्टेंट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। 1993 में कोटक महिंद्रा बैंक से जुड़ीं और काफी सालों तक काम किया। 2005 में उन्हें कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर बना दिया गया। जॉब के दौरान नायर ने एमबीए का कोर्स (MBA Course) किया। इसी दौरान उन्हें खुद का बिजनेस शुरू करने का आईडिया आया। 50 की उम्र में शुरू किया स्टार्ट-अप (Falguni Nayar Success Story)
50 की उम्र में नायरा ने बड़ा रिस्क लिया। अपनी बैंक की नौकरी छोड़ भारतीय महिलाओं की ब्यूटी को संवारने के लिए 2012 में एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। नायका (Nykaa) एक संस्कृत शब्द नायिका से लिया गया है, जिसका अर्थ है प्रमुख किरदारों को निभाने वाली अभिनेत्री। 2014 में नायका को पहला निवेशक मिला, सिकोइया कैपिटल इंडिया। इसने नायका में 1 मिलियन डॉलर का निवेश किया और फिर धीरे-धीरे इस ई-कॉमर्स कंपनी को कई निवेशक मिले।
देश की सबसे अमीर महिला CEO हैं नायर (Success Story)
ऑनलाइन मशहूर हो चुकी कंपनी ने 2015 में अपना ऑफलाइन स्टोर भी शुरू किया। ऑफलाइन स्टोर की मदद से ग्राहक की संख्या और कंपनी के मुनाफे में इजाफा हुआ। देखते ही देखते कंपनी ने भारत में 68 स्टोर खोल लिए। फाल्गुनी नायर (Falguni Nayar Success Story) इस वक्त देश की सबसे अमीर महिला सीईओ (Richest Women CEO) में से एक हैं। वे शेल्फमेड महिला अरबपति हैं, उन्होंने जीरो से शुरू किया है। कई रिपोर्ट के मुताबिक, नायरा की कंपनी का नेट वर्थ 21,600 से ज्यादा है।
आईडिया चोरी और खराब वर्क कल्चर के लगे आरोप
ऐसा नहीं था कि नायका और नायर का सफर हमेशा ही आसान रहा। एक वक्त ऐसा आया जब आईडिया चोरी और खराब वर्क कल्चर के कारण नायर को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इन तमाम बातों पर ध्यान देते हुए उन्होंने कंपनी में कई सुधार किए। ब्रांडिंग से लेकर प्रोडक्ट को तैयार करने तक में इनोवेशन और रिसर्च को जोड़ा।
फाल्गुनी नायर ने महिलाओं को दिया ‘खूबसूरत’ संदेश
अपने एक इंटरव्यू में नायर ने कहा था कि जब उन्होंने अपने बेटे के सामने नौकरी छोड़ बिजनेस करने की बात रखी तो वे भी थोड़ी देर के लिए चौंक गए थे। लेकिन सिर्फ बेटे ही नहीं बल्कि पूरे परिवार ने उन्हें काफी सहयोग किया। नायर कहती हैं कि महिलाओं को इस सोच से बाहर निकलना होगा कि यदि वे काम करेंगी तो उनका निजी जीवन प्रभावित होगा। वो कहती हैं कि मुझे यकीन है कि एक औरत मजबूत इरादों से कुछ पाना चाहे और इसे अपना मकसद बना ले तो हर हाल में अपना मकसद पा कर ही रहती है।