उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों में बौद्धिक संपदा अधिकार (आइपीआर) प्रकोष्ठों की स्थापना को अनिवार्य किया है। इस तरह की पहल से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शोध गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। छात्रों और शोधकर्ताओं को अपने कार्यों के लिए अधिकार सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।
केएससीएसटी के कार्यकारी सचिव यू.टी. विजय ने कहा, हमारा संस्थान पिछले 49 वर्षों से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से कर्नाटक को सशक्त बना रहा है। एमओयू न केवल कॉपीराइट सुरक्षित करने में मदद करेगा, बल्कि बौद्धिक संपदा अधिकारों पर व्याख्यान आयोजित करने में भी मदद करेगा।