‘जियो’ की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा मंत्री शफकत महमूद ने मीडिया से कहा कि पिछली सरकारों के ‘राजसी’ रहन-सहन से जनता परेशान हो चुकी थी। मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सरकारी अधिकारी इस प्रकार रहें जिसमें जनता का ज्यादा धन खर्च न हो। इसीलिए, प्रधानमंत्री इमरान खान ने फैसला लिया है कि वह प्रधानमंत्री निवास में नहीं रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने फैसला लिया है कि गवर्नर भी गवर्नर हाउस में नहीं रहेंगे, ताकि अतिरिक्त व्यय को कंट्रोल किया जा सके।
शिक्षा मंत्री की ओर दी गई जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री के निवास का वार्षिक रूप से खर्च 47 करोड़ रुपए है। ऐसे में फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री के घर को शीर्ष स्तरीय शैक्षिक संस्थान में तब्दील किया जाएगा। अन्य सरकारी निवासों के अलग तरह के इस्तेमाल के बारे में महमूद ने कहा कि लाहौर में गवर्नर हाउस को संग्रहालय और आर्ट गैलरी के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि पार्क को जनता के लिए खोला जाएगा।
आपको बता दें इन सार्वजनिक हाउस के अलावा दर्शनीय पर्वतीय शहर मरी में पंजाब हाउस को भी पयर्टन कांप्लेक्स में तब्दील किया जाएगा। कराची और बलूचिस्तान स्थित गवर्नर हाउस को संग्रहालयों के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। आपको बता दें पाकिस्तान में यह पहली बार हो रहा है जब कोई सरकारी आवास शिक्षण संस्थान के रूप में यूज में आएगा।