छात्र क्लास से छुट्टी न लें (Kota Coaching)
जिला कलेक्टर (Kota DM) द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि कोचिंग कक्षाओं में प्रतिदिन उपस्थिति की व्यवस्था को अनिवार्य किया जाए। यदि कोई छात्र लगातार 3 दिन तक कक्षा में न आए तो कोचिंग संस्थानों (Kota Coaching) को इसके पीछे का कारण पता लगाना चाहिए और किसी भी प्रकार के संदेह की स्थिति में जिला प्रशासन एवं पुलिस को सूचना दें ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाया जा सके। छात्रों का ध्यान रखना है बेहद जरूरी (Kota Coaching)
सभी कोचिंग संस्थानों (Guidelines For Kota Coaching) को निर्देश दिए गए हैं कि वो अपनी एक टीम बनाए जिनकी जिम्मेदारी हो छात्रों का ख्याल रखना। कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिए गए कि वो पीजी में रहने वाले विद्यार्थियों से पीजी का पता, संचालक का फोन नंबर आदि जानकारी जिला प्रशासन को दे। साथ ही छात्रों से समय समय पर मिलकर उनकी समस्या जानने की कोशिश करे। रविन्द्र गोस्वामी ने सभी का ध्यान इस ओर खींचा कि माता-पिता से दूर रहकर बाहर पढ़ने वालों छात्रों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। उन्हें अपनेपन का एहसास कराना चाहिए।
अभिभावकों की भी होगी काउंसलिंग, बताए जाएंगे नए करियर कोर्स (Career Courses)
वहीं अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि छात्रों और उनके माता-पिता को अन्य करियर कोर्स (Career Courses) के बार में बताना भी जरूरी है ताकि नीट (NEET UG) और जेईई (JEE) के अलावा भी उनके पास विकल्प हो और वो किसी भी परीक्षा में असफल होने के बाद निराश न हों। विद्यार्थियों को सकारात्मक रहना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर और इंजीनियर बनने के अलावा भी जीवन में आगे बढ़ने के कई अन्य विकल्प हैं।
होस्टल और पीजी में होनी चाहिए ये सुविधाएं (Kota Hostel)
सभी छात्रावास और पीजी में एंटी-हैंगिंग डिवाइस, सुरक्षा गार्ड, सीसीटीवी आदि अनिवार्य रूप से होने चाहिए। साथ ही शिकायतों के लिए ड्रॉप बॉक्स, पुलिस हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम के नंबर आदि सुविधाओं को डिस्पेल करना जरूरी है।
निर्देश का पालन नहीं करने पर होगी सख्त कार्रवाई
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में उठाए गए कदमों के संबंध में अगले दो दिनों में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं करने वाले छात्रावासों, पीजी और मकान मालिकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि यदि कोई संस्थान, छात्रावास या पीजी नियमों का पालन नहीं करता है तो उस संस्थान/छात्रावास/पीजी को सील कर दिया जाएगा।