अनुसूचित क्षेत्रों की घोषणा के लिए कोई अतिरिक्त फंड का प्रावधान नहीं होगा। इन क्षेत्रों के विकास के लिए अधिक ध्यान देकर केन्द्र और राज्य सरकार की वर्तमान योजनाओं का लाभ नई जनजातीय उप-योजना का हिस्सा होंगी। अब तक प्रदेश का 1800 किमी क्षेत्र अनुसूचित क्षेत्र था इसको बढ़ाकर अब 2300 वर्ग किमी किया गया है।
Govt Jobs में लाभ : राज्य के अनुसूचित क्षेत्र में स्टेट सर्विस को छोड़ कर अन्य सभी सरकारी नौकरियों में सीधी नियुक्ति में 45 प्रतिशत सीटें स्थानीय अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगी। इसी तरह 5 प्रतिशत सीटों पर अन्य जगहों के अनुसूचित जनजाति के लोगों को नौकरी मिलेगी जबकि 50 प्रतिशत सीटें अनुसूचित क्षेत्र के किसी भी जाति या वर्ग के लोग मेरिट के आधार पर पा सकेंगे। इस तरह अनुसूचित क्षेत्र के लोगों को इस आरक्षण का खास तौर पर लाभ मिल सकेगा।
शैक्षणिक संस्थानों में लाभ: विभिन्न व्यावसायिक स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए भी इसका लाभ मिलेगा। इन संस्थानों में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 12 प्रतिशत सीटों में से 5.5 प्रतिशत सीटें अनुसूचित क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए आरक्षित होंगी।
663 नए गांव एवं 3 पालिका क्षेत्र शामिल
प्रस्ताव के अनुमोदन से राज्य के 663 गांव एवं 3 नगरपालिका क्षेत्र और अनुसूचित क्षेत्र में शामिल हो गए हैं। इसमें उदयपुर जिले की 5 तहसीलों के 342 गांव, राजसमन्द जिले की 2 तहसीलों के 31 गांव, चित्तौडग़ढ़ जिले की बड़ीसादड़ी तहसील के 51 गांव, प्रतापगढ़ जिले की छोटीसादड़ी तहसील के 155 गांव एवं 1 नगरपालिका, पाली जिले की बाली तहसील के 33 गांव, सिरोही जिले की पिण्डवाड़ा तहसील के 51 गांव एवं आबूरोड, माउण्ट आबू नगरपालिका क्षेत्र को शामिल किया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार इन क्षेत्रों के कुल 7,39,431 नए लोगों को विस्तार का फायदा मिला है।