एनसीईआरटी की नई किताबों में क्या है (NCERT Books)
एनसीईआरटी की नई किताबों में निम्ननलिखित बातों का जिक्र है 1986 में फैजाबाद जिला अदलात में तीन गुंबद वाले ढांचे को हिंदू के लिए खोलने का आदेश मिला राम मंदिर का शिलान्यास कर दिया गया लेकिन आगे निर्माण पर रोक लगा दी गई, जिससे हिंदुओं की भावना आहत हुई वहीं 1992 में ढांचा गिरने के बाद बहुत सारे आलोचकों ने कहा कि यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र
पुरानी किताब में क्या था (NCERT Books)
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुरानी टेक्स्ट बुक में बताया गया था कि 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीर बाकी ने बाबरी मस्जिद बनवाई थी। वहीं अब इस अध्याय में बताया गया है कि 1528 में श्रीराम के जन्मस्थान पर तीन गुंबद वाला ढांचा बना दिया गया है। हालांकि, इस ढांचे में कई हिंदू चिह्न बने हुए थे। इसके अलावा आंतरिक और बाहरी दीवारों पर मूर्तियां बनी हुई थीं। पुरानी किताब में दो पेज में यही बताया गया था कि फैजाबाद जिला अदालत द्वारा 1986 में मस्जिद खोलने के फैसले के बाद किस तरह से मोबिलाइजेशन किया गया। 1992 में राम मंदिर बनाने के लिए रथ यात्रा और कारसेवा की वजह से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया। इसके बाद 1993 में सांप्रदायिक दंगे हुए। वहीं इस बार बताया गया है कि बीजेपी ने अयोध्या की घटनाओं को लेकर दुख व्यक्त किया।
नई किताब में क्या हटाया गया (NCERT Books)
वहीं एनसीईआरटी के नए टेक्सट बुक में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्णय को शामिल किया गया। इसमें बताया गया कि 9 नंवबर 2019 को कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने निर्णय सुनाया कि यह भूमिका मंदिर की है। पुरानी किताब में न्यूज पेपर की कटिंग की तस्वीरें लगाई गई थीं। इसमें बाबरी ढहाने के बाद कल्याण सिंह सरकार को हटाने का आदेश शामिल था, जिसे अब हटा दिया गया है। 2014 के बाद से यह चौथी बार है कि एनसीईआरटी की किताब (NCERT Books) को बदला गया है। अप्रैल में एनसीईआरटी ने कहा था ताजा घटनाक्रम के आधार पर चैप्टर में परिवर्तन किया गया है और इसमें नई जानकारी शामिल की गई है।