आपको बता दें नूर आसमां ने संस्कृत विषय से पढ़ाई करते हुए इंटर कक्षा में 70 फीसदी और बीए में 65 फीसदी अंक हासिल किए। हाल ही में उनका एमए प्रीवियस का परिणाम आया है, जिसमें उन्होंने 75 हासिल कर नया कीर्तिमान हासिल किया है। आगे नूर संस्कृत विषय से ही बीएड करके संस्कृत की टीचर बनना चाहती है। नूर गार्गी पुरुस्कार भी हासिल कर चुकी है।
आपको बताते चले नूर की शुरुआती पढ़ाई
मदरसे से शुरू हुई थी और उनके घर से लेकर आसपास के मोहल्ले में भी उर्दू और फारसी का ही ज्यादा चलन है। लेकिन शुरुआती शिक्षा के दौरान गायत्री परिवार की ओर से संस्कृत भाषा को लेकर एक प्रतियोगिता कराई गई थी जिसमें उन्होंन गोल्ड मैडल हासिल किया था। तभी से नूर आसमां के दिलो दिमाग में संस्कृत के प्रति उत्साह बढ़ता चला गया। इसके बाद जब उन्होंने पहली बार हाईस्कूल में संस्कृत विषय चुना तो उसके नाते-रिश्तेदार, यहां तक शिक्षक भी हैरान रह गए। सभी के मन में एक ही सवाल था कि नूर को घर पर संस्कृत कौन पढ़ाएगा ?
लेकिन इन सभी कठिनाईयों के बावजूद नूर ने हिम्मत नहीं हारी और हाईस्कूल की परीक्षा में संस्कृत विषय में 100 में से 100 अंक लाकर यह साबित कर दिया है, जब इंसान अपने अंदर कुछ करने की ठान ले तो इसके लिए दुनिया में कोई चीज मुश्किल नहीं है।