कम सीट होने के बाद भी नहीं भरे पूरे सीट्स (AICTE Jaipur)
कम सीटों के बावजूद भी एमटेक प्रोग्राम की दो तिहाई सीटें खाली रह गई हैं। पिछले दो सत्रों में सबसे कम दाखिले हुए। विशेषज्ञों का कहना है कि बीटेक-एमटेक में पैकेज का ज्यादा लाभ नहीं होने के साथ पाठ्यक्रमों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार अपडेशन और अपग्रेडेशन नहीं होना भी बड़ा कारण है। एमटेक में ज्यादातर शोध में रूचि रखने वाले या शिक्षण क्षेत्र में जाने वाले युवा ही प्रवेश ले रहे हैं।
एमटेक के विपरीत तकनीकी क्षेत्र में बढ़ती नौकरियों के कारण बीटेक करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले दशक में बीटेक करने वाले छात्रों की संख्या में तुलनात्मक रूप से कमी आई थी लेकिन अब स्थिति बदल रही है। सत्र 2017-18 में बीटेक में करीब 7.50 लाख की तुलना में 2023-24 में करीब 11.21 लाख विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया।
एमटेक में रूझान कम होने के कुछ प्रमुख कारण (MTech Course)
– एमटैक वालों को बीटैक की तुलना में ज्यादा लुभाने वाले वेतन नहीं
– पाठ्यक्रम में उद्योग की आवश्यकतानुसार अपग्रेड नहीं
– एमटैक में पर्याप्त फैकल्टी उपलब्ध नहीं
– पीएचडी के लिए एमटैक अनिवार्य नहीं
– एमटैक से ज्यादा मैनेजमेंट में रुझान
-एमटेक प्रवेश परीक्षा गेट के स्कोर पर पीएसयू में प्लेसमेंट