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Atithi shikshak : आवेदन में परिवर्तन की तिथि 14 सितम्बर और दस्तावेज सत्यापन की अंतिम तिथि 16 सितम्बर

MP Atithi shikshak : दस्तावेज सत्यापन की तारीख 4 सितम्बर थी जिसे बढ़ा कर 16 सितम्बर कर दी गई।आवेदन में किसी भी प्रकार …

Sep 10, 2017 / 02:15 pm

Deovrat Singh


MP Atithi shikshak : अतिथि शिक्षक राज्य सरकार द्वारा राजकीय विद्यालयों में स्टाफ की कमी के चलते लगाए गए *****्थाई कर्मचारी है। हाल ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इन्हे 25 प्रतिशत आरक्षण देने के घोषणा भी की थी। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से कर दी गई है। जिसके अंतर्गत आवेदन करने के बाद दस्तावेज सत्यापन सम्बंधित विद्यालय में होगा। दस्तावेज सत्यापन की तारीख 4 सितम्बर थी जिसे बढ़ा कर 16 सितम्बर कर दी गई।आवेदन में किसी भी प्रकार के परिवर्तन के लिए 10 से 14 सितम्बर दिया गया हैं। इससे पहले अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया विद्यालय स्तर पर प्रधानाध्यापक खुद किया करते थे। जिसके लिए मासिक वेतन नियत था। लेकिन शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाने के चक्कर में अतिथि शिक्षकों को लम्बे समय तक विद्यालयों में सेवा देनी पड़ी। कभी समय पर वेतन नहीं तो कभी विद्यालयों से निकाल दिया गया। इन सबके चलते अतिथि शिक्षकों की संख्या और उनके अधिकारों के लिए शिक्षक संगठनों ने आवाज उठाई। इसबार सत्र चलने के बाद भी नियुक्तियां नहीं दी गई तो आंदोलन होने शुरू हो गए। सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से उन्हें नौकरी के लिए आवेदन मांगे।
राज्यभर से डेढ़ लाख से अधिक अतिथि शिक्षकों ने गुरुवार को राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में 25 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा भी अच्छी नहीं लगी और डेढ़ लाख अतिथि शिक्षक इस फैसले के विरोध में आ गए हैं। हजारों अतिथि शिक्षकों ने राजधानी में एक जुटकर नियमितिकरण, और संविदा के तहत नियुक्ति सहित मानदेय की मांग की है। अतिथि शिक्षकों ने राज्य सरकार के सामने अपने लिए भर्ती प्रक्रिया में 100 फीसदी आरक्षण की मांग रखी है।प्रदर्शन के दौरान विद्यालयों में रसोइया का काम करने वाली अधिकतर महिलाएं भी अतिथि शिक्षकों के साथ शामिल रहीं। उनकी मांग यह थी कि उन्हें भी न्यूनतम मजदूरी के तहत सरकार द्वारा मानदेय प्रदान किया जाए। अभी उन्हें प्रतिदिन 30 रुपए के हिसाब से महीना का भुगतान किया जाता है।
सरकार के पास नहीं विकल्प
सरकार द्वारा भर्ती में 25 प्रतिशत आरक्षण दिया जाने की घोषणा की गई है। वहीँ अतिथि शिक्षकों द्वारा इसे ठुकराया जा रहा है। क्योंकि वे चाहते है उन्हें 100 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए। सरकार अगर ऐसा करती है तो नए युवाओं को भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने का मौका नहीं मिलेगा। फिर बेरोजगारी में सरकारी नौकरी का इन्तजार कर रहे युवा सड़कों पर उतर जायेंगे। सरकार के अनुसार यह 25 प्रतिशत आरक्षण का फैसला भी अनुभव के आधार पर है।

भोपाल में जुटेंगे पुरे प्रदेशभर के बाबू
वेतन में विसंगति सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे सरकारी बाबू 11 सितंबर को अंबेडकर जयंती मैदान में बड़ी रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगे। रैली में 24000 सरकारी बाबुओं के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन को कर्मचारी अपने कंधों पर लेकर चलेंगे, यह ज्ञापन वो मंत्रालय पहुंचकर सरकार को सौंपेंगे।
atithi shikshak document veryfication : राज्य में होने वाले चुनावों को देखते हुए राज्य सरकार अपना पक्ष मजबूत करते दिखाई दे रही हैं।पक्ष मजबूत करने हेतु किसानो और अतिथि शिक्षकों सहित अपने द्वारा किये गए पुराने वादे पुरे करने की कोशिश में लगी हुई है। राज्य सरकार पर किसानों की कर्ज माफ़ी का दबाव बहुत ज्यादा रहा है। अतिथि शिक्षकों को भी 25 फीसदी आरक्षण की घोषणा की। प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार जल्द ही 50 हजार से अधिक पदों पर सरकारी भर्ती करने वाली है।सरकार के चुनावी पिटारे में 41 हजार संविदा शिक्षकों की भर्ती होनी है। 41205 संविदा शिक्षकों की भर्ती के आदेश को मंजूरी मिलने के बाद से यह ऑनलाइन प्रक्रिया जारी है। लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया सिर्फ अभीतक अतिथि शिक्षकों के लिए है।सरकार शिक्षकों की वैकेंसी के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे चुकी है।
25 प्रतिशत आरक्षण या अनुभव के आधार पर बोनस पॉइंट में अटका था मामला। सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों के बोनस अंक के निर्धारण को लेकर और 25 फीसदी आरक्षण को लेकर मामला लंबित होते जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक अनुभव के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया था। प्रदेश में 2018 में विधानसभा चुनाव होने है। और इसके लिए सरकार अपना सभी प्रकार से पक्ष मजबूत रखेगी। इसके लिए नए युवा वर्ग को भी खुश रखेगी और पहले से कार्य कर रहे अतिथि शिक्षक को भी खुश रखने की कोशिश में है। प्रदेश सरकार पिछले दस सालों से सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे करीब 75 हजार अतिथि शिक्षकों को खुश करने की तैयारी में है। पहले उन्हें उन्हें अनुभव के आधार पर बोनस केरूप में 15 प्रतिशत अंक दिए जाने की बात रखी थी ।लेकिन अब विरोध प्रदर्शन के देखते हुए 25 प्रतिशत कर दिया गया। इसका सीधा सा अर्थ यह हुआ कि 100 अंक की परीक्षा में यदि 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है , तो वहीँ अतिथि शिक्षकों को 35 अंक पर ही उत्तीर्ण माना जाएगा।बोनस अंकों का भी मापदंड उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड के आधार पर तय किया जायेगा ।

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