Climate Change In India: भारत पर जलवायु परिवर्तन का असर
इस रिपोर्ट में अलग-अलग देशों के साथ ही भारत का भी जिक्र किया गया है। इसमें बताया गया है कि भारत को जलवायु परिवर्तन से “अत्यधिक संवेदनशील” देशों की श्रेणी में रखा गया है। यूनिसेफ के “चिल्ड्रन क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स” के अनुसार, भारत 163 देशों में 26वें स्थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में भारत में 5 करोड़ से ज्यादा स्कूली बच्चे हीटवेव से प्रभावित हुए। भारत में पिछले साल 5 करोड़ से ज्यादा स्कूली छात्रों का स्कूल प्रभावित हुआ। जिसमें मुख्य वजह हीटवेव रहा। साल 2024 में गर्मीं ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।
UNICEF Report: पिछले साल हीटवेव दुनियाभर के लिए सबसे बड़ा जलवायु खतरा
रिपोर्ट के अनुसार जलवायु संकट के कारण 2024 में कम से कम 20 देशों में स्कूल पूरी तरह बंद रहे। वहीं 242 मिलियन प्रभावित छात्रों में से 74% निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों से थे। सितंबर में 18 देशों में स्कूल न जाने से बच्चे प्रभावित हुए, जबकि अप्रैल में हीटवेव के कारण 118 मिलियन बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई। इसी रिपोर्ट के अनुसार 2024 में हीटवेव दुनियाभर के लिए सबसे बड़ा जलवायु खतरा साबित हुआ, जिससे 171 मिलियन छात्रों की शिक्षा पर असर पड़ा।
UNICEF: जलवायु परिवर्तन से भविष्य के लिए भी चिंता
रिपोर्ट में बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन बच्चों की पढ़ाई और उनके भविष्य के लिए एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है। इसमें हीटवेव, बाढ़, सूखा, चक्रवात और तूफान जैसी घटनाओं का उल्लेख किया गया है, जो स्कूल बंद होने का का मुख्य कारण बनीं। यह रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि जलवायु संकट से बच्चों की शिक्षा और उनके विकास पर भारी असर पड़ रहा है, और इस दिशा में तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।