बच्चे स्कूल तो जाते हैं लेकिन उसके पहले से उनकी लर्निंग प्रोसेस शुरू हो जाती है, जिसमें मां की अहम भूमिका (Mothers role In Child Development) होती है क्योंकि छोटे बच्चे ज्यादातर अपनी मां के आसपास रहते हैं। फिर चाहे वो भाषा हो या कोई स्किल्स हम सभी चीजें मां से हीं सीखते हैं। आज के समय पठन-पाठन से लेकर हर क्षेत्र में अंग्रेजी का बोलबाला है। इस वजह से बच्चों की हिंदी कमजोर पड़ती जा रही है। ऐसे में मां की जिम्मेदारी होती है कि वे अपने बच्चों को छोटी उम्र से शुद्ध हिंदी में बात करना सीखाएं। नई शिक्षा नीति (NEP 2020) भी मातृभाषा में बच्चों की पढ़ाई की सिफारिश करता है। आइए, जानते हैं कुछ स्टेप्स जिसकी मदद से मां अपने बच्चों को हिंदी भाषा मजबूत कर सकती हैं।
बच्चों से हिंदी में बात करें (Talk To Your Child In Hindi)
अपने बच्चों से उनकी छोटी उम्र से ही शुद्ध हिंदी में बात करें। ऐसा करने से उन्हें हिंदी सीखने में मदद मिलेगी। जब भी आप बच्चों के सामने बोल रहे हों तो ध्यान रखें कि आप शब्दों का सही उच्चारण कर रहे हों।
हिंदी किताब और कहानी पढ़ने दें
बच्चों को हिंदी की कहानियां पढ़ने के लिए दें। यही नहीं थोड़ी बड़ी उम्र होते ही उनका परिचय हिंदी अखबारों से कराएं। हर दिन कम-से-कम 10 पेज हिंदी जरूर पढ़ाएं। इस तरह बच्चों में हिंदी की समझ भी विकसित होगी और उनकी रूचि पढ़ने में भी बढ़ेगी। वर्णमाला से कराएं परिचय (Mothers role In Child Development)
बहुत से बच्चों को हिंदी लिखना नहीं आता। उन्हें अक्षरों की पहचान नहीं होती है और न मात्रा का ज्ञान होता है। बेहतर है कि मां अपने बच्चे से प्रतिदिन एक पेज हिंदी लिखवाएं। रोजाना अभ्यास करने से वे हिंदी लिखने में माहिर हो जाएंगे।
आपस में हिंदी में बात करें
घर में आपस में हिंदी में बात करें ताकि आपके बच्चे भी हिंदी सीख सकें। हम बच्चों के आसपास जैसा माहौल बनाते हैं, वे वैसा ही सीखते हैं। यदि बच्चा अपनी मां (Mothers role In Child Development) को दूसरे लोगों से हिंदी में बात करते सुनेगा तो वो हिंदी बोलने के लिए प्रोत्साहित होगा। कोशिश करें कि आपकी सारी बातचीत शुद्ध हिंदी में हो ताकि बच्चा आपकी बात सुनकर सीखें।