हर महीने कम से कम 2 छात्रों को बनाया जाता है एक दिन का कलक्टर
कलक्टर मणिकंठन ने ‘हर महीने दो विद्यार्थी बनेंगे कलक्टर’ पहल की शुरुआत की थी। इसके तहत विद्यार्थियों को एक दिन के लिए कलक्टर बनाया जाता है। मणिकंठन ने कहा कि छात्रों को एक दिन का कलक्टर बनाने का उद्देश्य उन्हें भविष्य का बेहतर नागरिक बनाना है। इस पहल से विद्यार्थी जिला प्रशासन के कार्यों, हमारी शिकायत निवारण प्रणाली और विकास कार्यों के हमारे अध्ययन के बारे में भी जानेंगे। इसके अलावा यह कदम उन्हें सिविल सेवाओं में आगे बढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत हर महीने कम से कम दो विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें ‘एक दिन का कलक्टर’ बनाया जाएगा। किसानों की शिकायत सुनी
गौरतलब है कि लिथिया के कार्यभार संभालने के बाद, करैकलमेडु के पंचायत प्रतिनिधियों ने कलक्टर से मुलाकात कर अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के तहत मछली पकड़ने वाले समुदाय के लोगों को फिर से वर्गीकृत करने जैसी याचिकाएं प्रस्तुत की। इसके बाद वास्तविक कलक्टर मणिकंठन ने अनुरोधों पर कलक्टर लिथिया से परामर्श किया। एक दिन के कार्यकाल के दौरान लिथिया ने मणिकंठन के साथ तिरुनल्लर में भगवान धरबरनेश्वर मंदिर के पास स्थित नालन कुलम तालाब का निरीक्षण किया और किसानों की शिकायत निवारण बैठक में भाग लिया। अपना अनुभव साझा करते हुए लिथिया ने कहा कि निश्चित रूप से यह अनुभव मेरे लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरक था।