सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। इस बीच कोर्ट ने हाई कोर्ट के पक्षकारों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पक्षकारों से अधिकतम सात पन्नों में लिखित दलील का संकलन देने को कहा है। इसका अध्ययन करने के बाद ही अगली सुनवाई होगी।
हाई कोर्ट का फैसला (Allahabad High Court)
हाई कोर्ट ने कहा था कि यदि कोई आरक्षित वर्ग का कैंडिडेट जनरल के बराबर मैरिट हासिल कर लेता है तो उसका चयन जनरल कोटे से होगा। हाई कोर्ट (High Court) के इस आदेश के बाद यूपी में बड़ी संख्या में शिक्षकों को अपनी नौकरी खोने का डर सताने लगा। आइए, 10 बिंदुओं में विस्तार से समझते हैं यूपी 69000 शिक्षक भर्ती मामले के बारे में- यह भी पढ़ें
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1 लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को बनाया गया सहायक शिक्षक
दरअसल, यूपी में अखिलेश सरकार में 1 लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में समाोयिजत कर दिया गया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इस फैसले को रद्द कर दिया गया था। ऐसे में सभी शिक्षक वापस से सहायक शिक्षक नहीं बल्कि शिक्षामित्र कहलाने लगे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को 1 लाख 37 हजार पदों पर भर्ती का नया आदेश जारी किया।योगी सरकार ने दो चरणों में निकाली भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment)
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले पर योगी सरकार ने कहा था कि इतने पदों पर एक साथ भर्ती निकालना उनके लिए मुश्किल है। ऐसे में योगी सरकार ने दो चरणों में भर्ती निकालने की बात कही थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकृति जाहिर की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद योगी सरकार ने वर्ष 2018 और 2019 में भर्ती निकाली थी। 2018 में पहले 68500 पदों के लिए वैकेंसी निकाली। इसके बाद दूसरे चरण की भर्ती थी 69000 सहायक शिक्षक भर्ती। यह भी पढ़ें