जर्मनी में फ्री में कर सकते हैं पढ़ाई
जर्मनी से डिग्री हासिल करने का चलन काफी बढ़ता जा रहा है। यहां के विश्वविद्यालय दूसरे देशों के स्टुडेंट्स को काफी आकर्षित कर रहे हैं। कारण यह है कि जर्मनी के कई सरकारी विश्वविद्यालयों में स्नातक की पढ़ाई फ्री में होती है। यह नियम स्थानीय स्टुडेंट्स के साथ साथ दूसरे देशों से पढऩे आए स्टुडेंट्स पर लागू होता है। प्रशासनिक खर्चे को पूरा करने के लिए नाम मात्र की यूनिवर्सिटी शुल्क 150-250 यूरो (करीब 11995-15993 रुपए) लिया जाता है। हालांकि, दक्षिण-पश्चिम जर्मनी के बाडेन-वुर्ट्टमबर्ग राज्य ने शरद ऋतु 2017 में गैर यूरोपीयन यूनियन के विद्यार्थियों की ट्यूशन फीस फिर से शुरू कर दी थी। राज्य में पढऩे वाले स्टुडेंट्स को प्रत्येक सेमेस्टर के लिए 1500 यूरो (करीब 1 लाख 19 हजार 981 रुपए) फीस के रूप में देने होंगे। वहीं, दूसरे राज्य बाडेन-वुर्ट्टमबर्ग राज्य के नक्शे कदम पर चलते हुए अपने यहां ट्यूशन फीस फिर से शुरू कर सकते हैं। अगर आप जर्मनी से कॉलेज डिग्री लेने की सोच रहे हैं तो इस बात की पुष्टि जरुर करलें कि ट्यूशन फीस फिर से तो लागू नहीं होने जा रही है। QS World University Ranking में जर्मनी की 40 विश्वविद्यालयों को स्थान मिला है। बेहत शिक्षा और कम ट्यूशन फीस के कारण दुनियाभर के लोग जर्मनी में पढऩे के लिए आवेदन करते हैं। अगर आप जर्मनी कि किसी यूनिवर्सिटी में फ्री में पढऩे के लिए एडमिशन लेने में सफल हो भी जाते हैं, तो वहां रहने के लिए बजट की जरुरत पड़ेगी। जर्मन स्टुडेंट वीजा लेने के लिए आपको यह साबित करना होगा कि वहां प्रत्येक साल रहने के लिए आपके पास 8700 यूरो (करीब 6 लाख 95 हजार 968 रुपए) हैं। स्टुडेंट्स के रहने के लिए जर्मनी के दो शहर – म्यूनिख और बर्लिन हैं। दोनों शहरों को क्यू एस रैंकिंग में भी शामिल किया गया है।
फ्रांस में कर सकते हैं मुफ्त में पढ़ाई (या कम बजट में)
जर्मनी के मुकाबले, फ्रांस को सस्ती शिक्षा के लिए भले ही नहीं जाना जाता हो, लेकिन विदेश स्टुडेंट्स, भले ही उनकी नागरिकता कुछ भी हो, यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि वे फ्रांस में फ्री में पढ़ाई कर सकते हैं या बेहद कम बजट में। हालांकि, फ्रांस के सरकारी विश्वविद्यालयों में तकनीकी रूप से ट्यूशन फीस लागू है, लेकिन दूसरे देशों के मुकाबले यहां नाममात्र की फीस ली जाती है। यहां के विश्वविद्यालयों में स्नातक की पढ़ाई करने के लिए ट्यूशन फीस के रूप में महज 184 यूरो (करीब 14 हजार 72 रुपए) हर साल लिए जाते हैं। अगर आप इंजीनियरिंग या मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपकी फीस में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन ज्यादा नहीं। जर्मनी की तरह, को कोर्स फ्रांस में मुफ्त में पढ़ाए जाते हैं, वे फ्रेंच भाषा में पढ़ाए जाते हैं, इसलिए आपको फ्रेंच भाषा आनी चाहिए। लेकिन, बढ़ते विदेश विद्यार्थियों के चलते अब फ्रांस के कुछ कोर्सेस को पढ़ाने के लिए अंग्रेजी भाषा का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। अपनी डिग्री की पढ़ाई शुरू करने से पहले आप फ्रेंच भाषा का कोर्स कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए फीस चुकानी पड़ेगी। फ्रांस में रहने की लागत भी अपेक्षाकृत किफायती है। एक साल के लिए आपको 1600 यूरो (करीब 7 लाख 68 हजार रुपए) खर्च करने होंगे। हालांकि, राजधानी पेरिस में रहना दूसरे शहरों के मुकाबले महंगा है।
नॉर्डिक देशों में भी कर सकते हैं मुफ्त में पढ़ाई
जीवन की उच्च गुणवत्ता, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और उदार राजनीति के लिए जाने वाले उत्तरी यूरोपीय देश (जिन्हें नॉर्डिक देशों के नाम से भी जाना जाता है) भी अपनी बेहतरी पढ़ाई व्यवस्था के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। नॉर्डिक देश डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, आइसलैंड और नॉर्वे अपने यहां मुफ्त या बेहद कम फीस में पढ़ाई करवाते हैं। नॉर्वे में यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के लिए कोई फीस नहीं ली जाती है, भले ही आप दूसरे देश से यहां पढऩे आए हों। जर्मनी की तरह आपको यहां (नॉर्वे) केवल सेमेस्टर फीस ही चुकानी होगी, जो 37 से 74 डॉलर (करीब 2 हजार 539-5 हजार 78 रुपए) पड़ती है। अधिकतर स्नातक कोर्स नॉर्वे भाषा में पढ़ाए जाते हैं। अगर आप नॉर्वे से पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको वहां की राष्ट्र भाषा सीखनी होगी। मास्टर डिग्री के लिए भी कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है।
वहीं, आइसलैंड की चारों सरकारी विश्वविद्यालयों में कोई ट्यूशन फीस नहीं देनी पड़ती है, लेकिन हर साल आपको रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर 400 यूरो (32 हजार रुपए) चुकाने हो ंगे। डेनमार्क, स्वीडन और हाल ही में फिनलैंड मुफ्त शिक्षा सुविधा के दरवाजे यूरोपीयन यूनियन/यूरोपीयन आर्थिक क्षेत्र (ईईए) के देशों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए खुले रखे हैं। इन क्षेत्रों के अलावा दूसरे देशों से यहां पढऩे आने वाले देशों के बच्चों को ट्यूशन फीस देनी होगी। हालांकि, पीएचडी की पढ़ाई का खर्चा इन देशों में की सरकार उठाती है। हालांकि, गैर ईयू/ईईए देशों के बच्चे फिनलैंड में मुफ्त में पढ़ाई कर सकते हैं अगर वे स्वीडिश या फिन्निश भाषा जानते हों। रहने की लागत के मामले में उत्तरी यूरोप के देश अन्य देशों के मुकाबले महंगे हैं। इसका कारण इलाके में पडऩे वाले देशों की मजबूत आर्थिक स्थिति है।
यूरोप के इन देशों में भी आप मुफ्त में कर सकते हैं पढ़ाई
उपरोक्त देशों के अलावा यूरोप के कुछ और देश भी हैं जहां पढ़ाई के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता या नाम मात्र की फीस ली जाती है। यूरोप में आने वाले देश Austria में भी स्टुडेंट्स मुफ्त में या नाम मात्र की फीस जमा कर पढ़ाई कर सकते हैं। जिस तरह से Austria के बच्चों की पढ़ाई फ्री है, उसी तरह की सुविधा ईयू/ईईए के बच्चों को भी यहां पर मिलती है। किसी भी डिग्री की पढ़ाई करने पर बच्चों से फीस नहीं ली जाती है। इसके बाद स्टुडेंट्स को प्रत्येक सेमेस्टर के लिए महज 363 यूरो (करीब 29 हजार 40 रुपए देने) अदा करने पड़ते हैं। गैर ईयू/ईईए स्टुडेंट्स को थोड़ी ज्यादा फीस-726 यूरो (करीब 58 हजार 80 रुपए) प्रत्येक सेमेस्टर के लिए अदा करने पड़ते हैं। रहने की लागत का खर्चा प्रत्येक साल 11 हजार 400 (करीब 9 लाख 12 हजार) रुपए आता है।
चेक रिपब्लिक :
जिन स्टुडेंट्स को चेक भाषा आती है, वे यहां कि किसी भी सरकारी यूनिवर्सिटी में मुफ्त में पढ़ाई कर सकते हैं। जो बच्चे अंग्रेजी माध्यम लेकर पढ़ाई करना चाहते हैं, उन्हें प्रत्येक साल 3800 यूरो (करीब 3 लाख 4 हजार रुपए) सालाना फीस के तौर पर चुकाने होंगे। पश्चिमी यूरोपीय देशों के मुकाबले यहां रहने की लागत कम है। यहां रहने के लिए आपको प्रत्येक साल 9 हजार अमरीकी डॉलर (करीब 6 लाख 21 हजार रुपए) खर्च करने पड़ेंगे।
ग्रीस :
ईयू/ईईए के प्रत्येक देश के बच्चे ग्रीस के सरकारी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कुछ मास्टर कोर्सेस को छोड़कर मुफ्त में पढ़ाई कर सकते हैं। यूरोपीयन यूनीयन से बाहर के देशों के स्टुडेंट्स भी यहां बेहद कम फीस अदा कर पढ़ाई कर सकते हैं। ऐसे स्टुडेंट्स को प्रत्येक साल 1500 यूरो (करीब 1.20 लाख रुपए) फीस के तौर पर देने होंगे। ईयू में ग्रीस में रहने की लागत सबसे कम है।
इटली :
यहां निजी विश्वविद्यालयों की फीस अधिक है, जबकि सरकारी विश्वविद्यालयों की ट्यूशन फीस बेहद कम है। इटली के सरकारी विश्वविद्यालय स्नातक की पढ़ाई के लिए प्रत्येक साल 850 से 1 हजार यूरो (करीब 68 से 80 हजार रुपए) ट्यूशन फीस के तौर पर लेते हैं। ईयू के स्टुडेंट्स को स्थानीय विद्यार्थियों की तर्ज पर ही सुविधाएं मिलती हैं। इटली में रहने की लागत भी ज्यादा नहीं है। यहां रहने के लिए प्रत्येक साल आपको 12 से 18 हजार यूरो (करीब 9.60 लाख-14.4 लाख रुपए) खर्च करने पड़ेंगे।
स्पेन :
ईयू के स्टुडेंट्स को स्पेन में पढ़ाई करने के लिए फीस नहीं देनी पड़ती है, जबकि दूसरे देशों के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रत्येक साल 750-2100 यूरो (करीब 60 हजार से लेकर 1 लाख 68 हजार रुपए) खर्च करने पड़ते हैं। हालांकि, यहां रहना थोड़ा महंगा है। रहने के लिए आपको प्रत्येक साल 10 हजार 800 से लेकर 13 हजार 200 यूरो (करीब 8.64 लाख-10.56 लाख रुपए) खर्च करने होंगे।
अर्जेंटीना :
यहां के स्थानीय स्टुडेंट्स के लिए सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई मुफ्त है। विदेशी स्टुडेंट्स को सरकारी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिए नाम मात्र की ट्यूशन फीस अदा करनी होगी। हालांकि, निजी विश्वविद्यालय 5 हजार अमरीकी डॉलर (करीब 3.85 लाख रुपए) फीस के तौर पर ले सकते हैं।