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Success Story: फूट-फूटकर रोएंगे! 16 साल की उम्र में दुनिया छोड़ चली मां, पिता ने इस तरह पढ़ाया तो बेटे ने क्रैक कर ली NEET परीक्षा 

NEET Success Story: महादेव कुमार ने नीट यूजी परीक्षा में AIR 386वीं रैंक हासिल करके सभी को चौंका दिया। आइए, जानते हैं उनकी कहानी

नई दिल्लीSep 09, 2024 / 02:40 pm

Shambhavi Shivani

NEET Success Story
NEET UG Success Story: कच्ची उम्र में मां को खोने का गम, आर्थिक तंगी और परिवार की उम्मीदें, इन सभी के बीच महादेव कुमार ने वो कर दिखाया जो आमतौर पर हर छात्र नहीं कर पाता। झारखंड के रहने वाले महादेव कुमार ने नीट यूजी परीक्षा में AIR 386वीं रैंक हासिल करके सभी को चौंका दिया। नीट क्रैक करने के बाद उन्होंने पलामू के मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले लिया। 
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16 साल की उम्र में मां ने छोड़ दी दुनिया

महादेव कुमार (Mahadev Kumar Success Story) झारखंड स्थित गोड्डा के पथरगामा प्रखंड के रहने वाले हैं। उनके पिता किशन यादव दूध बेचने का काम करते हैं। महादेव ने केवल 16 वर्ष की आयु में अपनी मां को खो दिया। मां के गुजरने के बाद महादेव के पिता ने बेटे की पढ़ाई के लिए कड़ी मेहनत की। महादेव के तीन भाई और दो बहनें हैं। 
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पढ़ाई के साथ पिता की करते थे मदद (Success Story)

मां के चले जाने के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी पिता के कंधों पर आ गई। उन्होंने महादेव की पढ़ाई के लिए जी-तोड़ मेहनत की। वे घर-घर घूमकर दूध बेचा करते थे। महादेव अपनी पढ़ाई के साथ-साथ पिता के काम में उनका हाथ बंटाया करते थे। पिता की व्यस्तता पर वो खुद भी दूध बेचने शहर जाया करते थे। घर के सारे काम जैसे गाय की सेवा, दूध बेचने के बाद पढ़ाई के लिए समय निकालते थे। उन्होंने गांव में रहकर ही नीट की तैयारी (NEET UG Success Story) की है। कुछ समय के लिए पटना से भी तैयारी की है। 
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कहां से की है पढ़ाई-लिखाई 

महादेव ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही ज्ञान गंगा आवासीय विद्यालय से की है। इसके बाद छठी कक्षा में उनका सेलेक्शन जवाहर नवोदय विद्यालय में हुआ। 10वीं कक्षा तक नवोदय में पढ़ाई की। इसके बाद 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पटना में पूरी की। नीट की तैयारी के लिए महादेव पटना चले गए। हालांकि, थोड़े समय तक पटना में पढ़ाई करने के बाद वो वापस अपने गांव आ गए। 

पढ़ाई के लिए बेचनी पड़ी जमीन (Success Story)

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महादेव का बड़ा भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन चुका है। हालांकि, अभी महादेव और अन्य भाई-बहन पढ़ाई कर रहे हैं। किशन यादव बड़ी मुश्किल से एक दिन में 500-600 रुपये कमा पाते हैं। ऐसे में सभी बच्चों की पढ़ाई और घर चलाना काफी मुश्किल है। किशन ने बच्चों की पढ़ाई के लिए जमीन बेच दी। 

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