जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा बताया गया कि प्रवेश के लिए परीक्षा 20 अप्रैल को आयोजित की जाएगी। वहीं आवेदन 6 अप्रैल तक कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। विद्यालय में छात्राओं को आवास के साथ-साथ भोजन, स्कूल ड्रेस और पाठ्य पुस्तकें आदि सेवाएं भी मुफ्त में मिलेंगी।
आपको बता दें कि देश में लड़कियों की शिक्षा में सुधार लाने के उद्देश्य से इस वक्त कई सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं में ‘बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV), सुकुन्या समृद्धि योजना (SSY), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) आदि शामिल है।
लड़कियों की कम होती संख्या को रोकने के उद्देश्य से 2015 में बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ योजना की शुरुआत की गई थी। साथ ही इस योजना का उद्देश्य था कि लड़कियों की पढ़ाई के लिए एक अच्छा माहौल बनाया जा सके, इसलिए इसे बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नाम दिया गया।
यह योजना समाज के वंचित परिवारों से आने वाली लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से साल 2004 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत कम साक्षरता दर वाले क्षेत्रों में लड़कियों के लिए आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाते हैं, ताकि उन्हें सहूलियत के साथ बेहतर शिक्षा मिले।
इस योजना के तहत छात्राओं को 8वीं तक शिक्षा प्रदान की जाती है और हॉस्टल की सुविधा भी दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य है एससी/एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदायों और कठिन क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे के परिवार की लड़कियों को शैक्षिक सुविधाएं प्रदान करना।