भारतीय इतिहास को सुधारने का काम जारी, अब पैनल ने हितधारकों से मांगे सुझाव प्रोफेसर ने खुद को बताया 2 साल से भेदभाव का शिकार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (
) में असिस्टेंट प्रोफेसर वीटिल ने अपने पत्र में कहा कि मार्च 2019 में संस्थान में शामिल होने के बाद से उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा। उनके साथ भेदभाव कई स्तरों पर हुआ है। उन्होंने ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने सुझाव दिया है कि संस्थान अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के संकाय सदस्यों के अनुभव का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन करे। समिति में एससी/एसटी आयोग, ओबीसी आयोग और मनोवैज्ञानिक भी होने चाहिए।1
पेरियार स्टडी सर्कल ने किया री-ट्विट दूसरी तरफ संस्थान ने कहा है कि प्रक्रिया के अनुसार छात्र और कर्मचारी शिकायतों के सभी मामलों पर तुरंत ध्यान दिया जाएगा। वहीं सोशल मीडिया में वायरल ई-मेल को अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्कल द्वारा री-ट्विटकिया गया था। मेल में कहा गया है कि संस्थान को अनुसूचित जाति और ओबीसी संकाय सदस्यों के अनुभवों का अध्ययन करने के लिए एक पैनल का गठन करना चाहिए।
Web Title: IIT Madras Assistant Professor Alleges Caste Discrimination Resignation Letter Goes Viral