अंतिम सेमेस्टर में नहीं होगा कोई मुख्य पाठ्यक्रम
आईआईटी मद्रास के अकादमिक पाठ्यक्रमों के डीन प्रताप हरिदोस ने इस इंटर्नशिप के बारे में बताते हुए कहा कि अब हर विभाग में छठे सेमेस्टर में कोई मुख्य पाठ्यक्रम नहीं जोड़ा जाएगा। छात्र अपने हिसाब से योजना बना सकते हैं और छठे सेमेस्टर को खाली रख सकते हैं। छात्र पहले या बाद के सेमेस्टर में वैकल्पिक पाठ्यक्रम ले सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि छात्रों के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। वे मध्य नवंबर से जुलाई तक करीब आठ महीनों के लिए काम करेंगे। उनके पास दो इंटर्नशिप, एक एकल, विस्तारित इंटर्नशिप या कुछ प्रयोगशालाओं या विश्वविद्यालयों में प्रोजेक्ट करने का विकल्प होगा। वहीं डीन ने ये भी जानकारी दी कि इस इंटर्नशिप को देखते हुए आईआईटी मद्रास के बीटेक पाठ्यक्रम को पुनर्गठित और संक्षिप्त बनाया गया है।
कैसे हुई इस इंटर्नशिप प्रोग्राम की शुरुआत? (IIT Madras 6 Month Internship Programme)
प्लेसमेंट कार्यालय और उद्योग से मिले इनपुट के आधार पर इस प्रोगाम को लागू किया गया है। इस इंटर्नशिप प्रोग्राम के कारण छात्रों के लिए दूसरा और चौथा वर्ष पढ़ाई के हिसाब से कठिन हो सकता है। हालांकि, अच्छी नौकरी पाने की दिशा में छात्रों को थोड़ा प्रयास करना पड़ेगा।
छात्रों की राह हुई आसान, प्लेसमेंट और नौकरी के अवसर बढ़ेंगे (IIT Placement)
आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के फैकल्टी के अनुसार, यह प्रोजेक्ट प्री-प्लेसमेंट ऑफर को बढ़ाएगा। यही नहीं लंबी इंटर्नशिप की मदद से प्लेसमेंट के लिए आई कंपनियां छात्रों का सटीक मूल्यांकन कर पाएंगी। अगर अधिक प्री-प्लेसमेंट ऑफर होंगे तो कैंपस प्लेसमेंट के दौरान प्रतिस्पर्धा कम होगी। इसके अलावा छात्रों के पास भी कंपनी का चुनाव करने के लिए पर्याप्त समय होगा।