ऐसे बच्चे जो कि 80 फीसदी से ज्यादा मार्क्स लाते हैं वो अपनी इच्छानुसार किसी भी सब्जेक्ट को चुन सकते हैं और उसमें आगे बढ़ सकते हैं चाहे तो वो आगे की अकेडमिक पढ़ाई में लगे रहे और चाहे तो साथ में एक वोकेशनल या प्रोफेशनल डिप्लोमा कोर्स भी ज्वॉइन कर सकते हैं। जरूरत बस यह देखने की है कि वो जो भी करें अपने मन से करें, अपनी रूचि के अनुसार करें। उन्हें सफलता ही मिलेगी।
जो बच्चे 10वीं और 12वीं कक्षा में 55 से 80 फीसदी के बीच मार्क्स लाते हैं उन्हें एवरेज माना जा सकता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसेकि उनकी पढ़ाई में या किसी खास विषय में रुचि न होना, पारिवारिक कारण, आस-पास का माहौल या गलत गाइडेंस मिलना। ऐसे बच्चों को थोड़ा मोटिवेट कर उन्हें उनकी रुचि के अनुसार सब्जेक्ट दिलाना सबसे बढ़िया रहेगा। साथ ही उनकी थोड़ी बहुत मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग भी की जा सकती है जिससे वो निराश न हो और ज्यादा लगन और मेहनत के साथ आगे की पढ़ाई में जुट जाएं।
अगर आपके बच्चे के 55 फीसदी से कम मार्क्स हैं तो ऐसे नंबर्स को पुअर मार्क्स में रखा जा सकता है। इन बच्चों को बिना इनकी मर्जी के आगे की पढ़ाई में न लगाएं वरन इन्हें इनकी हॉबी के अनुसार किसी वोकेशनल या प्रोफेशनल कोर्स ज्वॉइन करवा दें। आजकल ऐसे बहुत से वोकेशनल डिप्लोमा कोर्सेज है जिनमें सीधे 10वीं या 12वीं कक्षा पास करने वाले बच्चे प्रवेश ले सकते हैं। आप चाहे तो उन्हें घर के बिजनेस में भी इन्वॉल्व कर सकते हैं या उन्हें डिस्टेंस एजुकेशनल कोर्सेज ज्वॉइन करवा सकते हैं।