एनईपी 2020 ( NEP 2020 ) वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर ( Alternative Academic Calendar) साप्ताहिक पैटर्न का पालन करता है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समान शिक्षा स्तर और परिणाम सभी स्कूलों में प्राप्त किए जाएं। चालू शैक्षणिक सत्र में इस प्रणाली का विस्तार उन बच्चों को शामिल करने के लिए किया गया है जिनके पास डिजिटल उपकरणों तक पहुंच नहीं है।
3 से 23 साल के बच्चे देंगे भारत के भविष्य को आकार इससे पहले सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ( Education Minister Dharmendra Pradhan ) ने कर्नाटक में एनईपी के कार्यान्वयन के शुभारंभ पर कहा था कि एनईपी भारत को नई वैश्विक व्यवस्था ( New World Order ) में अहम स्थान दिलाने वाला साबित होगा। इस दिशा में भारत को एक जीवंत ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से काम करना होगा। 3 से 23 आयु वर्ग वाली पीढ़ी एनईपी के लाभों को प्राप्त करेगी और भविष्य में भारत की नियति को नया आकार देगी। वर्तमान में हमारे सामने सबसे अहम चुनौती भारत की बढ़ती आबादी को जल्द से जल्द नई शिक्षा नीति के दायरे में शामिल करने की है।
स्टैंडअलोन कॉलेजों को यूनिवर्सिटी में तब्दील करेगा एनईपी 2020 एनईपी द्वारा सुझाए गए प्रमुख परिवर्तनों में शिक्षण संस्थानों में मातृभाषा में शिक्षा, डिग्री प्रोग्राम के लिए कई प्रवेश और निकास विकल्प, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट ( ABC ) की स्थापना, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम ( NETF ) की स्थापना आदि शामिल हैं। भारतीय विश्वविद्यालयों द्वारा विदेशों में अपना कैंपस स्थापित करने और विदेशी विश्वविद्यालय की ओर से भारत में अपना कैंपस स्थापित करने की नीति स्टैंडअलोन कॉलेजों को बहु-विषयक विश्वविद्यालयों में परिवर्तित करेगा। स्कूल स्तर पर यह न केवल बोर्ड परीक्षाओं के दबाव को कम करेगा बल्कि मौजूदा 10+2 प्रणाली को 5+3+3+4 में बदलने पर भी जोर देता है। बता दें कि एनईपी 2020 स्कूल और कॉलेज शिक्षा प्रणाली सहित अन्य शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव पर जोर देता है। NEP 2020 ने 34 साल पुरानी नीति की जगह ली है।