Cheapest Country To Study : मलेशिया
मलेशिया ऐसा देश हैं जहां कम से कम खर्च में बैचलर और मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की जा सकती है। मलेशिया में बैचलर्स कोर्स के लिए साल के डेढ़ लाख से 5 लाख तक और मास्टर्स कोर्स के लिए सालाना 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का खर्चा आ सकता है। इसके अलावा मलेशिया में रहने के लिए भी बाकि देशों से कम पैसे खर्च होते हैं। इस देश में 50 से 70 हजार में रहने की सुविधा मिल जाती है।
डेनमार्क
डेनमार्क दुनिया की सबसे सुंदर देशों में से एक देश हैं। साथ ही कई देशों से छात्र यहां अपनी पढ़ाई पूरी करने आते हैं। डेनमार्क में बैचलर कोर्स के लिए सालाना 6 लाख से लेकर 15 लाख और मास्टर्स डिग्री के लिए 10 लाख से लेकर 22 लाख सालाना खर्च आ सकता है। रहने के दृष्टिकोण से भी यह देश बहुत महंगा नहीं है। फ्रांस फ्रांस पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरत शाम के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही पढ़ाई के लिए भी भारत सहित कई देश से छात्र हर साल यहां पढ़ने आते हैं। फ्रांस के कॉलेज और यूनिवर्सिटी की औसत फीस की बात करें तो यहां से बैचलर्स कोर्स के लिए 3 लाख से 9 लाख रुपये सालाना और मास्टर्स डिग्री के लिए 10 से 15 लाख रुपये सालाना छात्रों को लग सकता है। फ्रांस के शहरों में रहने के लिए छात्रों को 80 हजार से 1 लाख तक का खर्चा आ सकता है।
जर्मनी जर्मनी में विदेशी छात्रों के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि इस देश में पब्लिक यूनिवर्सिटीज अंतर्राष्ट्रीय छात्रों से ट्यूशन फीस चार्ज नहीं करती हैं। इसलिए यहां इंजीनियरिंग के अलावा कई कोर्सेज के लिए छात्र पढ़ने आते हैं। लेकिन ट्यूशन फीस के अलावा कई और चार्ज हैं जो छात्रों को देनी पड़ती है। जैसे एप्लीकेशन फीस और प्रोसेसेंग चार्ज छात्रों को कॉलेज में जमा करना होता है।
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इस देश में अध्यापकों की कमाई उड़ा देगी आपके होश, भारत के शिक्षकों को मिलती है बस इतनी Salary नॉर्वेयूरोप में स्वीडन से लगा हुआ देश है नॉर्वे। नॉर्वे में बैचलर्स कोर्स करने के लिए साल के 7 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक खर्च आ सकता है। साथ ही मास्टर्स कोर्स की बात करें तो नॉर्वे में मास्टर्स के लिए छात्रों को 10 लाख से 18 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। साथ ही रहने के लिए छात्रों को नॉर्वे में 80 हजार से 1 लाख तक का खर्चा आ सकता है।
ये सभी फीस डिटेल्स अलग अलग सोर्स से इकठ्ठा किया गया है। समय के साथ इसमें बदलाव संभव हैं। साथ ही कोर्स और यूनिवर्सिटी के हिसाब से भी फीस डेटा में बदलाव हो सकता है।