क्लासरूम (CBSE Affiliated Schools)
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने हर स्कूल के क्लास रूम के लिए नियम बनाए हैं। सीबीएसई स्कूल के क्लास रूम का साइज 8 मी x 6 मी (लगभग 500 स्क्वायर फीट) होना चाहिए। प्रत्येक कक्षा के लिए अलग कमरा होना चाहिए। हर क्लास रूम में कम से कम 1 स्कवायर फीट स्पेस की जगह होनी चाहिए। लैब होना अनिवार्य है
सभी स्कूलों में साइंस और कंप्यूटर की पढ़ाई होती है। ऐसे में लैब को लेकर कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं-
साइंस लैब - साइंस लैब का साइज कम से कम 9 मी x 6 मी होना चाहिए (कम से कम 600 स्क्वायर फीट)।
- साथ ही प्रैक्टिकल की व्यवस्था होनी चाहिए।
कंप्यूटर लैब - किसी भी सीबीएसई बोर्ड स्कूल में कंप्यूटर लैब कम से कम 9 मी x 6 मी (कम से कम 600 स्क्वायर फीट) होना चाहिए।
- अगर किसी स्कूल में 800 छात्र हैं तो वहां कम से कम एक लैब होना चाहिए।
- स्कूल के पास कम से कम 20 कंप्यूटर होने चाहिए।
- अगर स्कूल में सीनियर सेकंडरी लेवल पर कंप्यूटर साइंस या आईटी जैसे विषयों की पढ़ाई होती है तो समुचित व्यवस्थाओं के साथ एक अलग लैब भी होनी चाहिए।
- स्कूल लैब में साइबर सेफ्टी का ध्यान रखना चाहिए। शिक्षकों के सुपरविजन में ही छात्रों को लैब में एंट्री दी जाए।
लाइब्रेरी
सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों की लाइब्रेरी (CBSE Schools Library) कम से कम 14 मी x 8 मी एरिया में होनी चाहिए। साथ ही लाइब्रेरी में बच्चों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त किताबें व अन्य जरूरी सुविधाएं भी होनी चाहिए।
एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज
अगर स्कूल का एरिया ज्यादा बड़ा है तो म्यूजिक, डांस, आर्ट्स, स्पोर्ट्स जैसे गतिविधि के लिए अलग-अलग कमरा बना सकता है। या फिर स्कूल चाहे तो एक मल्टीपर्पस हॉल को इन सभी गतिविधियों के लिए रख सकता है। सीबीएसई एफिलिएटेड स्कूल (CBSE Affiliated Schools) में समुचित विकास पर ध्यान दिया जाता है इसलिए एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज पर काफी ध्यान दिया जाता है।
पीने के पानी व टॉयलेट
स्कूल के हर मंजिल पर बच्चों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। स्कूल के हर मंजिल पर छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग और साफ वाशरूम बने होने चाहिए। प्राइमरी लेवल के छात्रों के टॉयलेट सेकंडरी वालों से अलग होने चाहिए। स्टाफ मेंबर्स के लिए भी अलग वॉशरूम की व्यवस्था होनी चाहिए। फायक सेफ्टी के नियमों का पालन होना चाहिए।