इनके वेतन की शुरुआत राजपत्रित अधिकारी के वेतनमान से होती है और यह पदोन्नतियों के जरिये काफी उच्च स्तर तक पहुँच जाता है। इसके साथ ही आकर्षक सुविधाएँ और भत्ते भी मिलते हैं। कृषि और सम्बद्ध विषयों से अभिप्राय कृषि विज्ञान, Animal Medical Science एवं animal husbandry, बागवानी विज्ञान, सब्जी विज्ञान, फसल कीट विज्ञान, Agriculture Engineering, डेयरी टेक्नोलोजी, सिल्क टेक्नोलोजी, कम्युनिटी साइंस, फिशरज, एग्रो मार्केटिंग, बैंकिंग एंड को ऑपरेशन, फूड टेक्नोलोजी, बायोटेक्नोलोजी आदि से है। इन सबका रोजगार की दृष्टि से अपना विशिष्ट महत्व है।
देश भर में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा संचालित सैकड़ों कृषि विश्वविद्यालयों का जाल बिछा हुआ है और इनसे हजारों कृषि कॉलेज जुड़े हुए हैं। इनके द्वारा संचालित कृषि पाठ्यक्रमों में बड़ी संख्या में सीटें उपलब्ध हैं जिनमें चयन परीक्षा के आधार पर दाखिले दिए जाते हैं। देश में कृषि अनुसन्धान और शिक्षा का शीर्ष स्तर पर प्रबंधन एवं संचालन करने का दायित्व केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्यरत भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् या आईसीएआर के जिम्मे है। ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कृषि विज्ञान सम्बंधित पाठ्यक्रमों की कुल सीटों के 15 प्रतिशत को भरने के लिए चयन परीक्षा का आयोजन आईसीएआर का शिक्षा विभाग अखिल भारतीय स्तर पर करता है। शेष 85 प्रतिशत सीटें विभिन्न राज्यों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के जरिये भरी जाती हैं। मोटे अनुमान के अनुसार इन पाठ्यक्रमों की कुल आठ हजार सीटों के लिए लगभग तीस हजार प्रत्याशी इन चयन परीक्षाओं में हिस्सा लेते हैं। स्पष्ट देखा जा सकता है कि इंजीनियङ्क्षरग और मेडिकल की तुलना में यह प्रतिस्पर्धा अत्यंत कम है। प्रवेश पाने वाले छात्रों के लिए फेलोशिप का भी प्रावधान है। अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज की तुलना में इन पाठ्यक्रमों की फीस काफी कम है। इसी तरह से स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम भी इन कृषि विश्वविद्यालयों से किये जा सकते हैं।
Science Agriculture की पृष्ठभूमि वाले ट्रेंड युवाओं के महत्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि इनकी नियुक्ति के लिए अलग से कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल है। इस संस्था का
काम कृषि अनुसन्धान सेवा (ARS) परीक्षा का देशव्यापी स्तर पर आयोजन करना और प्रतिभावान युवाओं का चयन कर उनकी नियुक्ति देश के कृषि अनुसन्धान संस्थानों में करने हेतु संस्तुति देना है।ARS के अतिरिक्त ऐसे पोस्ट ग्रेजुएट डिग्रीधारक, नेट परीक्षा उत्तीर्ण युवाओं को कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि महाविद्यालयों में भी बतौर Assistant Professor Jobs के अवसर मिल जाते हैं। इनका वेतन भी अन्य सरकारी सेवाओं की तुलना में कम आकर्षक नहीं है। अन्य बड़े रोजगारदाताओं में एग्रो कंपनियां, उर्वरक एवं Agriculture Chemistry उत्पादक कम्पनियाँ, कृषि उपकरण निर्माता ,दुग्ध प्रसंस्करण एवं उनके उत्पाद तैयार करने वाली कम्पनियां शामिल हैं। इनके अलावा एग्रो नर्सरी ,फलोत्पादन,चाय-कॉफी-मसाला उत्पादक कम्पनियाँ,बीज तैयार करने वाली कम्पनियाँ भी ऐसे ट्रेंड लोगों को बड़े पैमाने पर नियुक्त करती हैं। नाबार्ड सहित ग्रामीण बैकों में भी इस तरह की शैक्षिक योग्यता वाले युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के पद होते हैं। इस क्षेत्र में स्वरोजगार के भी अवसर कुछ कम नहीं हैं, जिनके पास अपने खेत हैं वे चाहें तो खेती के नए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर कमर्शियल खेती कर अच्छी खासी आमदनी हासिल कर सकते हैं। बेहतर गुणवत्ता वाले अधिकृत बीजों के उत्पादन और नर्सरी में पौधे विक्रय हेतु तैयार कर भी मुनाफा कमाया जा सकता है ।
आजकल सजावटी पौधों की नर्सरी में कमाई अच्छी खासी है। ग्रामीण इलाकों में पशु चिकित्सक के तौर पर सेवाएं देकर स्थानीय किसानों और पशुपालकों की मदद से भी आय अर्जन का जरिया तलाशा जा सकता है। Dairy Technology course करने वालों के लिए ऐसे दुग्ध संस्थानों में रोजगार पाने के अतिरिक्त मिल्क प्रोडक्ट तैयार करने और उनकी marketing जैसे काम करने के कई प्रकार के मौके हो सकते हैं। कृषि संस्करण और पैकेटबंद खाद्य उत्पाद तैयार करने के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने से खेती बाड़ी और कृषि मार्केङ्क्षटग में बहुत से बदलाव हो रहे हैं। इन्हीं में से एक है कांट्रेक्ट फार्मिंग। इसमें फसल की बुआई के समय ही कम्पनियां किसानों से अनुबंध कर लेती हैं कि किस दर पर उनकी उपज को खरीदा जाएगा। इसके लिए किसानों को कंपनियों द्वारा नियुक्त कृषि वैज्ञानिको और विशेषज्ञों के अनुसार समस्त खेती के कार्यकलाप करने की शर्तों का पालन करना होता है। आने वाले समय में देश में इस तरह की कांट्रेक्ट फार्मिंग के तेजी से बढऩे की संभावना है। सरकारी तौर पर भी इससे सम्बंधित नियम तैयार किये जा रहे हैं। जाहिर है कृषि विशेषज्ञों के लिए इस क्षेत्र में भी रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।