भारतीय सेना में कब हुई महिलाओं की भर्ती की शुरुआत (Womens In Indian Army)
भारत में शुरुआत से महिलाएं सेना में नहीं जाती थीं। महिलाओं के सेना में जाने की शुरुआत वर्ष 1992 में हुई थी। 1992 में पहली बार तीनों सेना में महिलाओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारियों के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद 2015 में महिलाओं को इंडियन एयरफोर्स में लड़ाकू इकाइयों में शामिल करने का फैसला किया गया। वहीं वर्ष 2021 में नेवी ने चार महिला अफसरों को युद्धपोतों पर तैनात करने की नई शुरुआत की थी।क्या आप जानते हैं SCHOOL का फुलफॉर्म?
भारतीय सेना में महिलाएं (How Many Womens in Indian Army)
एक जानकारी के अनुसार, भारतीय सेना में कुल 7,093 महिलाएं तैनात हैं। 17 मार्च 2023 को रक्षा राज्य मंत्री टीआर बालू की ओर से लोकसभा में दिए गए एक सवाल के जवाब में लिखित तौर पर यह डाटा बताया गया। भारतीय सेना में महिलाएं अन्य कैटेगरी के माध्यम से भी तैनात की जाती हैं। इनमें आर्मी मेडिकल कोर, आर्मी डेंटल कोर और मिलिटरी नर्सिंग सर्विस आदि शामिल हैं।कितनी पढ़ी-लिखी हैं कुंभ में वायरल हो रही एंकर और मॉडल हर्षा रिछारिया
क्या है आर्मी डे और क्यों मनाया जाता है? (What is Army Day 2025)
15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने भारतीय सेना के पहले भारतीय प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था। यह भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण पल था। साथ ही ये दिन भारतीय सेना में स्वदेशी नेतृत्व की शुरुआत का प्रतीक बना। ऐसे में इस खास दिन को यादगार बनाने के लिए आर्मी डे मनाया जाने लगा।Village of IItians के नाम से क्यों फेमस है ये गांव
सेना में क्या महिलाओं की तैनाती पुरुषों से अलग होती है?
भारतीय सेना में महिलाओं की अहम भूमिका होती है। पुरुष और महिलाओं की तैनाती में लैंगिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। वहीं 2020 के सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले के बाद महिला जवानों को पुरुष समकक्षों के समान ही स्थायी कमिशन दिया जाने लगा। वहीं वर्ष 2021 में लाई गई पॉलिसी जेंडर न्यूट्रल करियर प्रोग्रेशन पॉलिसी के तहत महिलाओं को हथियारों/सेवाओं में समान अवसर उपलब्ध कराए गए हैं।