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अर्थव्‍यवस्‍था

चार महीने के निचले स्तर पर पहुंचा Rural Unemployment Rate , urban unemployment Rate बद्तर

जुलाई में समाप्त सप्ताह के दौरान Rural Unemployment 6.34 फीसदी पर आई
15 मार्च को समान सप्ताह के दौरान 6.07 फीसदी थी Rural Unemployment Rate

Jul 14, 2020 / 02:18 pm

Saurabh Sharma

Rural Unemployment

Rural unemployment rate reached 4 month low, urban unemployment worse

नई दिल्ली। देश में ग्रामीण बेरोजगारी दर ( Rural Unemployment Rate ) में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। सीएमआईई ( CMIE ) के समाप्त सपह के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश की ग्रामीण बेरोजगारी दर चार महीने के निचले स्तर पर ( Rural Unemployment Rate at Four-Month Low ) आ गई है। वहीं दूसरी ओर से शहरी बेरोजगारी दर ( Urban Unemployment Rate ) में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ है। आपको बता दें कि लॉकडाउन खत्म करने के बाद और अनलॉक शुरूआत के बाद आर्थिक गतिविधियां शुरू हुई हैं, जिसकी वजह से ग्रामीण रोजगार में इजाफा देखने को मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सीएमआई की रिपोर्ट में किस तरह आंकड़े देखने को मिले हैं।

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ग्रामीण बेरोजगारी में गिरावट
आर्थिक गतिविधि चरणबद्ध तरीके से शुरू होने से ग्रामीण भारत में बेरोजगारी 6.34 फीसदी पर पहुंच गई है, जिसकी वजह से यहां पर बेरोजगारी चार महीने के निचले स्तर पर गिर गई है। सीएमआई की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण बेरोजगारी दर 12 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान 6.34 फीसदी थी, जो कि 15 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान दर्ज की गई 6.07 फीसदी दर पर सबसे कम थी।

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खरीफ फसल में तेजी
सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार यह भी संकेत मिलता है कि खरीफ फसलों के तहत बोया गया क्षेत्र 10 जुलाई तक 58 मिलियन हेक्टेयर था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज स्तर से 44.1 फीसदी ज्यादा है। इसका मतलब है कि इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को खूब रोजगार मिला है। जिसकी वजह से खरीफ फसलों में देखने को मिला है।

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इस वजह से कम हुई शहरी बेरोजगारी
एक्सएलआरआई जमशेदपुर के श्रमिक अर्थशास्त्री और प्रोफेसर, केआर श्याम सुंदर ने कहा कि ग्रामीण बेरोजगारी के ठंडे रहने की मुख्य वजह खेती की गतिविधियों के विस्तार, मनरेगा आगे बढ़ाना है। सुंदर ने कहा कि इस तेजी इस बात को भी महसूस करना चाहिए कि ग्रामीण रोजगार के परिदृश्य में यह सुधार इंफोर्मल सेक्टर को बढ़ावा दे रहा है।उन्होंने शहरी बेरोजगारी पर कहा कि आने वाले दिनों में शहर में बेरोजगारी बढ़ी हुई बनी रह सकती है।

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लॉकडाउन से अब तक देश में बेरोजगारी दर का हाल
24 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद देश भर में बेरोजगारी के स्तर में तीव्र वृद्धि देखी गई थी, क्योंकि अधिकांश आर्थिक गतिविधि रुकी हुई थी। आर्थिक गतिविधि के धीरे-धीरे फिर से शुरू होने के बाद बेरोजगारी दर अब पूर्व-लॉकडाउन स्तरों के करीब जा रही है। अप्रैल और मई में, ग्रामीण बेरोजगारी दर 22 फीसदी से थोड़ी अधिक थी, जबकि सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार, कुल बेरोजगारी 23 प्रतिशत से ऊपर थी।

जून में कुल मिलाकर बेरोजगारी घटकर 10.99 फीसदी हो गई, जबकि ग्रामीण बेरोजगारी 10.52 फीसदी थी। शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 12.02 फीसदी थी। 12 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान, पूरे भारत में बेरोजगारी दर 7.44 फीसदी थी, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 9.92 फीसदी थी।

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