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‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ ( poor welfare employment campaign ) की बात करें तो लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी बंद हो जाने की वजह अपने घरों को वापस लौट चुके मजदूरों के रोजगार और पुनर्वास को ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ नाम दिया गया है। ये अभियान 6 राज्यों में 116 जिलों में 125 दिनों का ये अभियान प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए है। गरीब कल्याण रोजगार अभियान (PMGKY) में 25 तरह के कामों की लिस्ट बनाई गई है।
इन कामों के तहत मिलेगा रोजगार- सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इन कामों के आन्तर्गत रोजगार दिया जाएगा।
– सामुदायिक स्वच्छता परिसर
– ग्राम पंचायत भवन
– फाइनेंस कमिशन फंड के तहत किए जाने वाले काम
– राष्ट्रीय राजमार्ग के काम
– जल संरक्षण एवं जल संचयन के काम
– कूओं का निर्माण
– पैधारोपण के काम
– बागवानी के काम
– आंगनवाड़ी केंद्र के काम
– प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के काम
– ग्रामीण सड़क एवं सीमा सड़क के काम
– भारतीय रेल के तहत आने वाले काम
– श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुरबन मिशन
– भारत नेट के तहत फाइबर ऑप्टिकल केबल बिछाने का काम
– पीएम कुसुम योजना के काम
– जल जीवन मिशन के तहत कराए जाने वाले काम
– प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट
– कृषि विज्ञान केंद्र के तह जीवनयापन की ट्रेनिंग
– जिला खनिज निधि के तहत आने वाले काम
-सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमैंट के काम
– फार्म पोंड योजना के काम
– पशु शेड बनाने का काम
– भेड़/बकरी के लिए शेड बनवाने का काम
– मुर्गी पालन के लिए शेड निर्माण
– केंचुआ खाद यूनिट तैयार कराना
50 हजार करोड़ होंगे खर्च- 115 दिनों के इस अभियान के लिए सरकार 50,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी और लगभग 60 लाख मजदूरों ( MIGRANT LABOUR ) को उनकी स्किल के हिसाब से काम देने की योजना बनायी गई है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि ये अभियान केंद्र सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का हिस्सा है।
इन राज्यों में चलाया जाएगा अभियान – लोगों को रोजगार मुहैया कराने के साथ इस योजना से ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास भी हो सकेगा। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा को इस अभियान के तहत चुना गया है।