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पूरे देश में होगा लागू
मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि हम दुकानदार और ग्राहक दोनों के फायदे के बारे में विचार कर रहे हैं। चुनाव से पहले ही जीएसटी परिषद इस योजना को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे चुकी है। अब नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोर्शन ऑफ इंडिया ( एनपीसीआई ) के साथ इसपर इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने को लेकर विचार-विमर्श चल रही है।
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हालांकि इस व्यवस्था को शुरुआत में एक सीमित कीमत तक के भुगतान के लिए लागू करने का ही प्रस्ताव है। इसके अलावा यह केवल विक्रेता और ग्राहक के बीच (बीटूसी) ट्रांजेक्शन के लिए होगी। बाद में इसे बड़े और अन्य प्रकार के भुगतानों पर भी लागू किया जा सकता है। इससे नकदी के प्रचलन को घटाने में भी मदद मिलेगी।
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चीन भी अपना रहा है ऐसी ही व्यवस्था
कई देशों ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ाने और चूक रहित बनाने के लिए क्यूआर कोड प्रणाली को लागू किया है। हाल ही में चीन ने भी इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। हमारे यहां भी कई महीने से केंद्र और राज्य सरकार योजना बना रही थी कि डिजिटल पेमेंट को कैसे बढ़ाया जाए।
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जीएसटी संग्रह में भी होगी आसानी
इससे जीएसटी के संग्रह में भी आसानी होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल इसका एक पायलट प्रॉजेक्ट चलाना चाहती थी, लेकिन पश्चिम बंगाल इसके पक्ष में नहीं था। उसका तर्क था कि यह ग्रामीण जनता के हितों के खिलाफ है। अब वित्त मंत्रालय इसपर काम कर रहा है।
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