प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आर्थिक पैकेज पर लग सकती है मुहर
कई चरणों में आएगा आर्थिक पैकेज-
खैर इस बारे में अभी तक सरकार की तरफ से कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन इतना जरूर कहा जा रहा है कि इस बार के पैकेज में किसी बड़ी पॉलिसी की घोषणा नहीं होगी और दूसरा आर्थिक पैकेज भी सरकार टुकड़ों में देगी।
SME सेक्टर पर हो सकता है फोकस- मीटिंग में भाग लेने वाले एक अधिकारी के मुताबिक दूसरे आर्थिक पैकेज में माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) पर विशेष फोकस हो सकता है। दरअसल लॉकडाउन के कारण यही सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस सेक्टर को 15 हजार करोड़ रुपए का क्रेडिट गारंटी फंड दिया जा सकता है। इस आर्थिक पैकेज में पहली घोषणा इसी सेक्टर को लेकर होगी इसकी भी संभावना बहुत ज्यादा है।
इसके अलावा सरकार के सामने कोविड बॉन्ड, राजकोषीय घाटा बढ़ाने, डेफिसिट को मोनेटाइज करने जैसे कई सारें और ऑप्शन हैं, लेकिन सरकार ने इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Ficci) की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा, ‘अनुमानों के मुताबिक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से हर रोज 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इस तरह के नुकसान को देखकर सरकार से 9 लाख करोड़ के पैकेज की मांग की जा रही है । फिक्की, एसोचैम और सरकारी सलाहकार रह चुके अरविंद सुब्रमण्यन ने लगभग इतने पैकेज की ही मांग की है।
1.7 लाख करोड़ का पैकेज दे चुकी है सरकार- इसके पहले सरकार कोरोना की मार से सबसे ज्यादा परेशान वर्ग यानि गरीब और पिछड़े लोगों के लिए पैकेज की घोषणा कर चुकी है। लेकिन इस पैकेज में भी ग्रामीण भारत में जॉब उत्पन्न करने के लिए सड़क निर्माण आदि को इजाजत मिल सकती है। जिन शहरी और कस्बाई इलाकों में कोरोनावायरस नहीं फैला है वहां सरकार ये काम शुरू कर सकती है। सरकार ने पहले ही गाइडलाइंस जारी करके खेती से जुड़े कामों की छूट दे दी है।