यह भी पढ़ेंः- विदेशियों को भाने लगा है भारत का रियल एस्टेट सेक्टर, कमर्शियल प्राॅपर्टी में कर रहे सबसे ज्यादा निवेश
कुछ ऐसा NCLAT का आदेश
NCLAT के आदेश के अनुसार इस इजाजत के साथ कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं। जिसमें साफ कहा गया है कि बैंक भले ही IL&FS को दिए कर्ज को एनपीए घोषित करें, लेकिन कर्ज की रिकवरी के प्रोसेस को शुरू नहीं कर सकते हैं। आदेश के अनुसार IL&FS और उसकी ग्रुप कंपनियां अपना समाधान प्रस्ताव पेश नहीं करती हैं तब तक बैंकों द्वारा समर्थन नहीं हटाया जा सकता है। मौजूदा समय में IL&FS और उसकी ग्रुप कंपनियों पर 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। जिसकी छुटकारा पाने के लिए वह समाधान प्रक्रिया में जुटी हुई हैं।
यह भी पढ़ेंः- भारतीय नमक बना यूरोप आैर अमरीका के लिए वरदान, आखिर क्यों?
निवेशकों पर पड़ेगा बड़ा असर
जानकारों की मानें तो NCLAT के इस आदेश का काफी बड़ा असर पडऩे के आसार हैं। 90 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज एनपीए घोषित होता है तो बैंकों की बैलेंस शीट बुरी तरह से प्रभावित होगी। वहीं कर्ज देने वाले बैंकों के शेयरों में गिरावट भी देखने को मिल सकती है। वहीं निवेशकों का रुपया अटक सकता है। वहीं IL&FS से जुड़ी कंपनियों के म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों को मिलने वाले रिटर्न भी प्रभावित होंगे। कंपनी को देश के करीब 20 बैंकों ने कर्ज दिया है, जिसमें सरकारी और गैर सरकारी दोनों तरह के बैंक शामिल हैं।
यह भी पढ़ेंः- वित्त मंत्रालय ने कहा- वित्त वर्ष 218-19 में धीमा हो सकता है आर्थिक विकास, जानिए क्या है प्रमुख वजह
NCLAT ने फरवरी में लगा दी थी रोक
इससे पहले NCLAT ने करीब दो महीने पहले IL&FS को दिए कर्ज को एनपीए घोषित करने पर रोक लगाई थी। NCLAT ने आदेश दिया था कि उसकी परमीशन के बिना एक रुपया भी एनपीए घोषित ना किया जाए। जिसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने NCLAT में अपील दायर की थी। जिसमें आदेश में बदलाव का आग्रह किया गया था। आपको बता दें कि IL&FS ग्रुप की सभी कंपनियों को भुगतान के आधार पर तीन वर्गों में विभाजित किया गया है। जिसमें ग्रीन वर्ग में उन्हें रखा गया है जो भुगतान करने में सक्षम हैं। वहीं अंबर कैटेगिरी में उन कंपनियों को रखा गया है जो परिचालन भुगतान और वरिष्ठ सुरक्षित ऋणों का दायित्व निभाने में सक्षम हैं। बाकी कंपनियों को रेड कैटेगिरी में शामिल किया गया है।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.