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आईएमएफ की चेतावनी
आईएमएफ ने भारत की इकोनॉमी को दुनिया के ग्रोथ इंजनों में से एक कहा। जिससे साबित होता है कि देश की इकोनॉमी का बढऩा दुनिया की इकोनॉमी के लिए कितनी जरूरी है। ऐसे में भारत की इकोनॉमी का गिरना कितना हानिकारक हो रहा है। आईएमएफ ने कहा कि कंज्यूमर डिमांड में कमी, टैक्स कलेक्शन में गिरावट और कई कारणों की वजह से देश की तेजी बढ़ती इकोनॉमी में ब्रेक लग गया है। आईएमएफ के एशिया एंड पैसिफिक डिपार्टमेंट से जुड़े रानिल सालगादो के अनुसार लाखों लोगों के गरीबी रेखा से बाहर निकलने के बाद भी देश की इकोनॉमी मंदी के दौर में है।
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तत्काल कदम उठाने की जरुरत
आईएमएफ के अनुसार भारत को इस दौर से बाहर निकलने के लिए तत्काल कुछ करने की जरुरत है। सरकार को कुछ नीतिगत फैसले लेने होंगे। आईएमएफ ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि सरकार ने खर्च बढ़ाने के मौकों को कम किया है। आपको बता दें कि बीते सप्ताह आईएमएफ प्रमुख की ओर से भारत की ग्रोथ रेट कम करने के संकेत दिए थे। जनवरी में आईएमएफ का इकोनॉमिक आउटलुक आने वाला है।
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अक्टूबर में आईएमएफ ने लगाया था अनुमान
आईएमएफ की ओर से अक्टूबर में भारत की आर्थिक विकास दर को 6.1 फीसदी का अनुमान लगाया था। जबकि 2020 का अनुमान 7 फीसदी बताया था। आपको बता दें कि सरकार की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 6 साल के निचले स्तर 4.5 फीसदी पर पहुंच गई। वहीं आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष का जीडीपी अनुमान 6 फीसदी से कम कर 5 फीसदी कर दिया है।