scriptIndo-Sino Tashan में कहीं डूब ना जाए 6 लाख करोड़ का कारोबार | India sino bilateral trade 6 lakh cr, both countries highly dependable | Patrika News
अर्थव्‍यवस्‍था

Indo-Sino Tashan में कहीं डूब ना जाए 6 लाख करोड़ का कारोबार

दोनों देशों के बीच करीब 6 लाख करोड़ रुपए का होता है Import और Export
भारत को Import के मुकाबले में 4 गुना Export करता है चीन, जुड़ा है बड़ा करोबार

Jun 16, 2020 / 08:45 pm

Saurabh Sharma

Indo Sino Trade

India sino bilateral trade 6 lakh cr, both countries highly dependable

नई दिल्ली। इंडो-शीनो विवाद ( Indo Sino Dispute ) कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लद्दाख बॉर्डर ( Ladakh Border ) पर दोनों देशों के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई। जिसमें भारतीय के ऑफिसर समेत तीन जवान शहीद हो गए। आने वाले दिनों में यही सिलसिला जारी रहा तो दोनों देशों के बीच कारोबार भी काफी प्रभावित होगा। आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच करीब 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार होता है। वहीं जितना चीन भारत पर निर्भर है, उतना ही भारत और भारत में रहने वाले लोन भी भी चीन पर निर्भर करते हैं। इस तनाव में भारत और चीन ( Indo Sino Trade ) दोनों को कितना नुकसान हो सकता है आइए आपको भी बताते हैं।

LAC पर तनाव का असर, उच्चतम स्तर से करीब 800 अंकों की गिरावट पर बंद हुआ Share Market

बिगड़ा हुआ है इंडो-शीनो के ट्रेड बैलेंस
इंडो-शीनों ट्रेड सालाना 6 लाख करोड़ रुपए का कारोबार है। भारत सालाना करीब 4.9 लाख करोड़ रुपए का चीन से आयात करता है। वहीं चीन को भारत से 1.2 लाख करोड़ का निर्यात होता है। इन आंकड़ों से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड बैलेंस कितना बिगड़ा हुआ है। वहीं यह भी समझ में आता है कि चीन के लिए भारतीय बाजार कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे में भारत के किसी भी तरह का वॉर भारत और चीन के लिए अच्छा नहीं है।

Insider Trading में फंसा Share Market का ‘Big Bull’, Sebi ने भेजा Notice

आयात और निर्यात का गणित
भात ने चीन को अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 के बीच 14.42 अरब डॉलर का निर्यात किया, इसके विपरीत समान अवधि में से कुल 57.93 अरब डॉलर का आयात किया है। मौजूदा साल में कोराना की वजह से यह गणित थोड़ा बिगड़ा जरूर है। मार्च के आखिरी सप्ताह में लॉकडाउन का आदेश हुआ। जनवरी फरवरी में चीन से भारत को 9.5 अरब डॉलर का सामान आया था। जबकि भारत ने चीन को 2.5 अरब डॉलर का सामान भेजा था। कोरोना की वजह से बीते साल की तुलना में करीब 11-12 फीसदी देखने को मिली है।

New York से New Delhi तक जानिए कितना महंगा या सस्ता हुआ Gold और Silver

चीन पर काफी निर्भर करते है भारतीय सेक्टर
बल्क ड्रग्स ऐंड इंटरमीडियरीज सेक्टर की 68 फीसदी निर्भरता चीन से आयात पर टिकी है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स में 43 फीसदी, गारमेंट्स में 27 फीसदी और ऑटो सेक्टर में 9 फीसदी डिपेंडेंसी चीन से होने वाले इंपोर्ट पर है।

LIC का Policy Holders के लिए Alert, 30 June तक पूरा कर लें यह काम

बढ़ सकती है भारतीयों के मुश्किलें
देश में चीनी कंपनियों ने काफी पैसा इंवेस्ट किया हुआ है। अगर चीन अपना रुपया निकाल लेता है तो भारतीय कारोबारियों के लिए मुश्किलें ख्खड़ी हो सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2014 में चीनी कंपनियों का भारत में 12 हजार करोड़ का निवेश था। जो बीते 6 सालों ने पांच गुना बढ़ कर 60 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। वहीं चीन ने सिंगापुर के रास्ते भी भारत में बड़ा निवेश किया है।

Railway ने बताया, श्रमिकों से कितना वसूला Fare, कितनी हुई कमाई

चीन का इंडियन स्टार्टअप्स में निवेश
– साल 2018 में भारतीय स्टार्टअप्स में चीन का निवेश 15 हजार करोड़ था।
– 2019 में बढ़ कर 29 हजार करोड़ हुआ चीनी निवेश।
– भारत की 30 बड़ी स्टार्टअप कंपनियों में से 18 में चीनी निवेश।

बढ़ते Corona से और गिरती Economy को बचाएगा Anti-Covid Health Plus Mat

चीनी कंपनियों का भारतीय कंपनियों में निवेश
– टेंशेट ने भारत की 19 कंपनियों में निवेश।
– शुनवाई कैपिटल ने 16 कंपनियों में इंवेस्टमेंट।
– स्वास्तिका का 10 कंपनियों में निवेश।
– शाओमी 8 कंपनियों में निवेश।
– फोसुन आरजेड कैपिटल का 6 कंपनियों में निवेश।
– हिलहाउस कैपिटल ग्रुप का 5 कंपनियों में निवेश।
– एनजीपी कैपिटल का 4 कंपनियों में निवेश।
– अलीबाबा ग्रुप का 3 कंपनियों में निवेश।
-ऐक्सिस कैपिटल पार्टनर्स 3 कंपनियों में निवेश।
– बी ऐस ने 3 कंपनियों में निवेश।

राजधानी Delhi में 75 रुपए के पार पहुंचा Diesel, Petrol में जबरदस्त इजाफा, Gujarat ने किया Vat में इजाफा

इन सामानों पर भी है इंडियन मार्केट में चीनी कब्जा
– इंडियन स्मार्टफोन मार्केट करीब 2 लाख करोड़ रुपए का है।
– चीनी ब्रांड के मोबाइल फोन्स की इंडियन र्मार्केट में हिस्सेदारी 70 फीसदी से ज्यादा।
– 25 हजार करोड़ के टीवी मार्केट में चाइनीज बांड का 45 फीसदी तक हिस्सेदारी।
– भारत का भ्होम अप्लायंस मार्केट 50 हजार करोड़ का और चीनी भागेदारी 10-12 फीसदी।
– इंडियन ऑटो कंपोनेंट का 43 लाख करोड़ का और चीनी कंपोटेंट की हिस्सेदारी 26 फीसदी है।
– भारत में फॉर्मा मार्केट 1.5 लाख करोड़ का और चीनी हिस्सेदारी 60 फीसदी।
– भारत में सोलर पॉवर क्षमता है 37,916 मेगावॉट है जिसमें 90 फीसदी भागेदारी चीनी कंपोनेंट की है।
– भारत का टेलिकॉम इक्विपमेंट मार्केट 12 हजार करोड़ का है, जिसमें चीनी प्रोडक्ट की शेयरिंग 25 फीसदी है।

Hindi News / Business / Economy / Indo-Sino Tashan में कहीं डूब ना जाए 6 लाख करोड़ का कारोबार

ट्रेंडिंग वीडियो