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इन दो नियमों में भी हुआ था बदलाव
इससे पहले जीएसटी कानून के तहत 500 करोड़ रुपए ज्यादा का टर्नओवर करने वाली कंपनियों के ट्रांजेक्शन का ईन्इंवायस निकालने का नियम 1 अक्टूबर 2020 से लागू कर दिया गया था। इसके अलावा 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का टर्नओवर करने वाली कंपनियों के बीच के ट्रांजेक्शन का ई-इंवॉयस निकालने का नियम एक जनवरी 2021 से लागू किया गया था।
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क्या है प्रक्रिया
– ई-इंवॉइस के तहत टैक्सपेयर्स को आंतरिक प्रणाली के जरिए बिल निकालना होता है।
– इसकी पूरी जानकारी ऑनलाइन इन्वॉयस पंजीकरण पोर्टल यानी आईआरपी को देनी पड़ती है।
– ई-इनवॉइस बिलिंग सिस्टम में इंवॉइस प्रोसेस में समान प्रारूप के बिल बनाए जाएंगे।
– यह बिल सभी जगह एक समान रूप से बनेंगे और रियल टाइम दिखाई देंगे।
– इलेक्ट्रॉनिक इंवॉइस बिलिंग सिस्टम में हर एक हेड को स्टैंडर्ड फॉर्मेट में लिखा जाएगा।
क्या होगा फायदा
इस नियम से बड़ा फायदा यह होता कि बिल बनाने के बाद कई जगह फाइलिंग नहीं करनी होगी। हर महीने जीएसटी रिटर्न रिटर्न भरने के लिए अलग इनवॉइस एंट्री होती है। सालाना रिटर्न भरने के लिए अलग एंट्री होती है और ई-वे बिल बनाने के लिए अलग एंट्री करनी होती है। अब अलग-अलग फाइलिंग करने की जरुरत महसूस नहीं होगी।