1- गुरु जितना देगा, उतनी शांति मिलेगी
अगर कोई गुरु यह सोचता है कि उसका संगीत उसकी विरासत को ही मिले तो यह ‘पाप” है। उनका कहना है कि संगीत सभी के लिए है और गुरु को कभी भी अपने शिष्यों में फर्क नहीं करना चाहिए। गुरु जितना अपने शिष्यों को सिखाएगा उसे उतनी ही शांति मिलेगी।
2- जब बच्चे खेलते थे तब करती थी रियाज़
एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में परवीन ने एक पत्रकार को अपना बचपन याद करते हुए बताया कि- “जब बच्चे खेलते थे तब मैं रियाज़ करती थी।” परवीन ने अपने पिता की देखरेख में 5 साल की उम्र से रियाज़ करना शुरू कर दिया था। इसी तरह कम उम्र में उन्होंने गायन दक्षता हासिल कर ली थी। इनका कहा है कि उनके पहले और आखिरी गुरु उनके पिता ही रहे।
3- अपनी मां को देती हैं पूरा श्रेय
परवीन की माता मरूफ़ा माज़िद ने ही अपने पति से ज़िद करके परवीन को संगीत सिखाने को कहा। इतना ही नहीं उन्होंने परवीन की अच्छी एजुकेशन दिलवाने के लिए अपने गहने तक बेच दिए थे।
4- यहां दिया था पहला स्टेज परफोर्मेंस
मात्र 12 साल की उम्र में सन 1962 में परवीन ने कोलकाता में अपना पहला स्टेज परफोर्मेंस दिया था। उस परफोर्मेंस के बाद वे कभी रुकी नहीं देश से लेकर विदेशों तक उन्होंने कई बेहतरीन स्टेज परफोर्मेंस दी हैं।
5- विदेश में उनकी लोकप्रियता का इस बात से लगा सकते हैं अंदाज़ा
परवीन सुल्ताना पहली भारतीय महिला हैं जिनके बारे में न्यू यॉर्क टाइम्स ने कवर स्टोरी की थी।
6- 25 वर्ष की आयु में मिला पद्मश्री
परवीन सुल्ताना को 1976 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उस समय वे केवल 25 वर्ष की थीं और यूं वह इस पुरस्कार को प्राप्त करने वालीं सबसे कम उम्र की प्रतिभा थीं।
7- नहीं गए ज़्यादा फिल्मी गाने
परवीन ने गिने-चुने फिल्मी गीतों को अपनी आवाज़ दी है। उनको फिल्मी गीत भाते ही नहीं थे। इसके पीछे की वजह यह थी कि बचपन में उन्हें लता मंगेशकर के अलावा किसी और का गीत सुनने की इजाज़त नहीं थी। इसके बाद भी उन्होंने 15 साल की उम्र में अपना पहला फिल्मी गीत गाया था। फिल्म का नाम था मोरोम तृष्णा, यह एक असमी फिल्म थी। और उनके द्वारा गाया पहला हिंदी गाना था ‘पीतल की मोरी गगरी।’ फिल्म का नाम था ‘दो बूंद पानी।’
8- फिल्म कुदरत के लिए गाया था गीत
प्रसिद्ध हिंदी गाना “हमें तुमसे प्यार कितना” का मेल वर्ज़न जहां किशोर कुमार ने गाया था वहीं उनका फीमेल वर्ज़न परवीन के ही गाया। इस गाने के लिए दोनों को फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था लेकिन अवॉर्ड परवीन को ही मिला। यह कमाल की बात है कि फिल्मी करियर में केवल 7 से 8 गाने ही गाकर कोई फिल्मफेयर अवॉर्ड ले गया। परवीन ने बताया कि उन्होंने यह गाना फिल्मफेयर अवॉर्ड पाने के लिए नहीं बल्कि आर डी बर्मन को किए एक वादे के लिए गाया था।
9- ये था सबसे आखिरी गया हुआ उनका फिल्मी गाना
परवीन ने ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ में ‘आन मिलो सजना’ गाया था। उनका अभी तक का आखिरी फिल्मी गीत ‘1920’ का ‘वादा, तुमसे है वादा’ है।
10- ये है जीवन जीने का उनका मंत्र
परवीन सुल्ताना मानती हैं कि संगीत ध्यान की तरह है। संगीत ही नहीं बल्कि कुछ भी सीखने के लिए भक्ति जरूरी है। संगीत के माध्यम से कोई भी भगवान से मिल सकता है। संगीत का रियाज प्रार्थना करने सरीखा है।