मंदिर के प्रांगण में एक ओर जहां मंदिर में काली माता विराजती हैं तो वहीं उसी आंगन में स्थित सैयद पीर बाबा की दरगाह है
•Mar 18, 2018 / 05:05 pm•
जमील खान
उत्तर प्रदेश में इटावा के लखना स्थित कालिका देवी का मंदिर मुगलकाल से ही हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है जिसका प्रधान सेवक आज भी दलित ही होता है। द्वापर युग के महाभारतकाल के इतिहास को आलिंगन किए ऋषियों की तपोभूमि यमुना-चंबल समेत पांच नदियों के संगम पर बसी ऐतिहासिक नगरी लखना में स्थापित मां कालिका देवी का मंदिर देश के कोने-कोने में प्रसिद्ध है। लखना को प्राचीनकाल में स्वर्ण नगरी के नाम से जाना जाता था। यह मंदिर नौ सिद्धपीठों में से एक है। मंदिर परिसर में सैयद बाबा की दरगाह भी स्थापित है। मान्
Hindi News / Dus Ka Dum / सांप्रदायिक सदभाव की मिसाल है कालिका मंदिर