1- छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता 2- हम अहिंसा में आस्था रखते हैं और चाहते हैं कि विश्व के संघर्षों का समाधान शांति और समझौते के मार्ग से हो ।
3- मनुष्य-मनुष्य के संबंध अच्छे रहें, सांप्रदायिक सद्भाव रहे, मजहब का शोषण न किया जाए, जाति के आधार पर लोगों की हीन भावना को उत्तेजित न किया जाए, इसमें कोई मतभेद नहीं है ।
4- अगर परमात्मा भी आ जाए और कहे कि छुआछूत मानो, तो मैं ऐसे परमात्मा को भी मानने को तैयार नहीं हूं किंतु परमात्मा ऐसा कह ही नहीं सकता । 5- मानव और मानव के बीच में जो भेद की दीवारें खड़ी हैं, उनको ढहाना होगा, और इसके लिए एक राष्ट्रीय अभियान की आवश्यकता है ।
6- मैं पाकिस्तान से दोस्ती करने के खिलाफ नहीं हूं । सारा देश पाकिस्तान से संबंधों को सुधारना चाहता है, लेकिन जब तक कश्मीर पर पाकिस्तान का दावा कायम है, तब तक शांति नहीं हो सकती ।
7- आप दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं। 8- मनुष्य जीवन अनमोल निधि है, पुण्य का प्रसाद है । हम केवल अपने लिए न जिएं, औरों के लिए भी जिएं । जीवन जीना एक कला है, एक विज्ञान है । दोनों का समन्वय आवश्यक है ।
9- पारस्परिक सहकारिता और त्याग की प्रवृत्ति को बल देकर ही मानव-समाज प्रगति और समृद्धि का पूरा-पूरा लाभ उठा सकता है। 10- शिक्षा के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है। व्यक्तित्व के उत्तम विकास के लिए शिक्षा का स्वरूप आदर्शों से युक्त होना चाहिए।