दुर्ग

कोरोना संकट: पहली बार तीजा में मायके वालों ने बंद किए बेटियों के लिए घर के दरवाजे, अगर नियम तोड़ा तो सजा में 28 दिन का क्वारंटाइन

इस साल तीजा लाने ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यही नहीं इस नियम का उल्लंघन करने वालों को गांव के क्वारंटाइन सेंटर में 28 दिनों तक रखने का भी नियम बनाया गया है। (Chhattisgarh coronavirus update)

दुर्गAug 04, 2020 / 12:31 pm

Dakshi Sahu

कोरोना संकट: पहली बार तीजा में मायके वालों ने बंद किए बेटियों के लिए घर के दरवाजे, अगर नियम तोड़ा तो सजा में 28 दिन का क्वारंटाइन

दुर्ग/बालोद. कोरोना महामारी से इस साल त्योहारों का रंग फीका पड़ गया है। दुर्ग संभाग के बालोद जिले के कई गांवों में रक्षाबंधन के बाद अब तीजा व पोला पर्व पर कोरोना की चेन तोडऩे सख्ती से नियम लागू करने का मन ग्रामीणों ने बना लिया है। जिसके चलते इस साल तीजा लाने ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यही नहीं इस नियम का उल्लंघन करने वालों को गांव के क्वारंटाइन सेंटर में 28 दिनों तक रखने का भी नियम बनाया गया है। (Tija festival in chhattisgarh)
बालोद जिले के ग्राम भोथीपार, सुंदरा, सलोनी, पोंडी सहित जिले के दर्जनों गांवों में यह नियम बनाया गया है। रविवार को जिले के ग्राम सुंदरा में भी ग्राम प्रमुख छगन देशमुख ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए चिंता जाहिर करते हुए ग्रामीणों की बैठक ली। सभी ग्राम प्रमुखों की उपस्थिति में एक राय लेकर तीजा पर्व में तीज लाना ले जाना पर प्रतिबंध करने का निर्णय लिया गया। रक्षाबंधन के बाद छत्तीसगढ़ का पारंपरिक लोकपर्व तीजा पोरा आने वाला है। इस दौरान बेटियां अपने मायके में जाकर तीज का त्योहार मनाती हैं। कोरोना संकट के बीच एक गांव से दूसरे गांव जाना किसी खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों ने अपने-अपने घरों में रहकर ही तीज पर्व मनाने का निर्णय किया है।
सलोनी में रहेंगे क्वारंटाइन
बालोद जिले के ग्राम सलोनी में ग्रामीणों ने तीज लाने ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी सजा का निर्णय लिया है। यहां बाहर से आने वाले लोगों को जिनके घर आए है, उनके घर नहीं बल्कि 28 दिनों तक उसे गांव में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रखने का नियम बनाया है।
बैठक में रहे यह मौजूद
तीजा को लेकर हुई अहम बैठक में ग्रामीण मुरारी लाल सुकतेल, रामसुख देशमुख, सीताराम देशमुख, गंगदेव देशमुख, झम्मन पटेल, हिरामन देशमुख, तोरण सुकतेल, शेष कुमार देशमुख, तमेश्वर सुकतेल, भेल सिंह पटेल, छगन नेताम, तोरण देशमुख, पुराणिक देशमुख, नीलकिशोर देशमुख, डोमार देशमुख, चुरामन देशमुख, भुवन देशमुख, हरि देशमुख, माखन देशमुख, टीकम सिंह देशमुख, दिलीप देशमुख, कुमार देशमुख आदि मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जागरुकता दिखाने की जरूरत है। लापरवाही बरतेंगे तो कोरोना से बच नहीं पाएंगे। हम सबको एकजुट होकर ही कड़े निर्णय लेकर कोरोना से बचना होगा। बाहर से आने से संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है। इसलिए गांव व ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया गया है।

Hindi News / Durg / कोरोना संकट: पहली बार तीजा में मायके वालों ने बंद किए बेटियों के लिए घर के दरवाजे, अगर नियम तोड़ा तो सजा में 28 दिन का क्वारंटाइन

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.