मिली जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले में मेडिकल कॉलेज, कचांदुर में दाखिल बी लक्ष्मी (61 साल) ने सोमवार की सुबह ब्लैक फंगस से संघर्ष करते हुए दम तोड़ दिया। चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल, नेहरू नगर के वेंटिलेटर से उसे सीएम मेडिकल कॉलेज में रविवार को सिर्फ इस वजह से शिफ्ट करना पड़ा था क्योंकि इंजेक्शन नहीं मिल रहा था। सरकारी अस्पताल के लिए इंजेक्शन रखा हुआ था, मरीज की हालत बिगड़ रही थी। तब तय किया गया कि सरकारी में दाखिल कर देते हैं जिससे मरीज को इंजेक्शन तो लग सके। जिले में ब्लैक फंगस से पहली मौत सेक्टर-9 अस्पताल में हुई थी। 11 मई को सेक्टर-1 में रहने वाले श्रीनिवास राव 48 वर्ष ने दम तोड़ा था।
बलैक फंगस से दुर्ग जिले में दूसरी मौत के बाद सीएमएचओ दुर्ग डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि मरीज को ब्लैक फंगस के अलावा दूसरा मर्ज भी था। प्लेटलेट कम होने की वजह से इंजेक्शन भी नहीं लगाया जा सका और उनकी मौत हो गई। मरीज को निजी अस्पताल से एक दिन पहले ही सीएम मेडिकल कॉलेज में दाखिल किया गया था। मरीज की हालत खराब थी वह वेंटीलेटर में थी।
म्यूकोरमाइकोसिस (Blck fungus mucormycosis) एक फंगल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से उन लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, जो पहले से डायबिटीज जैसी किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त हैं। यह संक्रमण वातावरण में मौजूद रोगजनकों के खिलाफ लडऩे की शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। वातावरण में मौजूद फंगल बीजाणुओं के संपर्क में आने से लोग म्यूकोरमाइकोसिस का शिकार बनते हैं। किसी घाव के जरिए भी यह शरीर में प्रवेश कर सकता है, और संक्रमण का कारण बन सकता है।