दिल्ली गए चारों दावेदारों के मोबाइल पूरे दिन बंद रहे। इनकी दिल्ली रवानगी की सूचना के बाद चारों से मोबाइल पर संपर्क का लगातार प्रयास किया गया, लेकिन हर बार सभी का मोबाइल बंद मिला। तस्दीक पर विधायक सहित नजदीकी पार्षदों ने चारों के दिल्ली जाने की पुष्टि की।
सूत्रों के अनुसार दिल्ली रवानगी से पहले गुरुवार की रात इन दावेदारों ने कांग्रेस के अन्य पार्षदों से भी संपर्क किया। पार्षदों को दिल्ली चलने के लिए कहा। हालांकि दिल्ली में किसके नाम पर लामबंदी की जाएगी इसकी जानकारी नहीं दी गई। इसके कारण कई पार्षदों ने दिल्ली जाने से मना कर दिया।
शुक्रवार की सुबह इनमें से विधायक अरुण वोरा के करीबी धीरज बाकलीवाल और राजेश यादव को छोड़कर अन्य प्रमुख दावेदार मदन जैन, राजकुमार नारायणी, अब्दुल गनी और शहर कांग्रेस अध्यक्ष आरएन वर्मा एकराय होकर दिल्ली रवाना हो गए। उनके साथ बोरसी की पार्षद प्रेमलता साहू के पति पोषण साहू के भी दिल्ली रवाना हुए हैं। उनकी दिल्ली रवानगी की जानकारी सामने आने के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया। पूरे दिन कांग्रेस नेता व अन्य पार्षद उनके दिल्ली जाने के बार में टोह लेते रहे।
विधायक अरुण वोरा के साथ मदन जैन के गाहेबगाहे तल्खीपूर्ण व्यवहार की चर्चा होते रहती है। पार्षद पद के लिए टिकट वितरण के दौरान कुछ नामों को लेकर उनकी शहर कांग्रेस अध्यक्ष आरएन वर्मा से भी अनबन की बात सामने आई थी। इसके चलते नामों की घोषणा कई दिन तक टल रहा था। इसे भी लामबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है। विधायक अरूण वोरा ने बताया कि पार्षद दिल्ली क्यों और किस मकसद से गए हैं, किनसे मुलाकात हुई है इसकी जानकारी नहीं है। किसी ने मुझे इसकी अधिकृत रूप से जानकारी नहीं दी है। यदि ऐसा है तो यह अनुचित है। शहर अध्यक्ष आरएन वर्मा ने बताया कि किसी का नाम अथवा लॉबिंग नहीं किए हैं। सभी की मंशा नए-नवेले के बजाय वरिष्ठों का अवसर देने की है। इस भावना से मोतीलाल वोरा जी को अवगत कराया। उन्होंने भरोसा दिलाया है।
5 में से 4 सीधे तौर पर महापौर के दावेदारी करते रहे हैं। चारों के एक साथ दिल्ली रवानगी से किसी एक के पक्ष में लामबंदी का अनुमान लगाया जा रहा है। किसके नाम को आगे बढ़ाया जा रहा है, यह स्पष्ट नहीं हुआ है।
चारों के अलावा विधायक अरुण वोरा (MLA Arun Vora)के करीबी धीरज बाकलीवाल प्रमुख दावेदार हैं। यदि चारों किसी एक नाम को लेकर एकराय हो गए हैं तो इसे विधायक के पसंद के खिलाफ लामबंदी माना जा सकता है।
अब तक केवल महापौर के लिए दावेदारी कर रहे थे, अचानक लामबंदी को मेयर पद की शर्त पर सभापति व एमआईसी के पदों के आधार पर समझौते से भी जोड़ा जा रहा है।