यात्री सुबह लिफ्ट से प्लेटफार्म क्रमांक दो पर जा रहे थे। तभी अचानक लिफ्ट बीच में फंस गई। लिफ्ट बंद होने से यात्रियों ने अलार्म का बटन दबाया तब कर्मचारियों की नजर लिफ्ट पर गई। इलेक्ट्रीकल डिपार्ट के कर्मचारियों ने आधा घंटा मशक्कत के बाद यात्रियों को लिफ्ट से बाहर निकाला।
लिफ्ट बंद होने की सूचना मिलते ही एडीआरएम एके कौशिक, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक तनमय मुखोपध्याय दोपहर बाद दुर्ग स्टेशन पहुंचे थे। लिफ्ट का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों से बातचीत की। लिफ्ट से बाहर आते ही यात्रियों ने स्टेशन मास्टर पर जमकर बरसे।
उनका कहना था कि लिफ्ट से बाहर निकालने में आधा घंटा का समय लगा। अगर ट्रेन उनकी छूट जाती तो जिम्मेदारी किसकी थी। यात्रियों ने स्टेशन मास्टर के कक्ष में रखे शिकायत पुस्तिका में शिकायत दर्ज करने के बाद एडीआरएम कौशिक से भी चर्चा की।
सायरन बजते ही स्टेशन मास्टर एम खान ने तत्काल इलेक्ट्रिकल डिपार्ट में सूचना दी। लगभग दर्जन भर अधिकारी कर्मचारियों ने एफओबी पर खड़ा होकर लिफ्ट में लगे लोहे के तार को घिरनी के सहारे खीच कर एफओबी के प्लेटफार्म तक लाया। इसके बाद की से दरवाजा को खोलकर फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकाला गया।
वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक तनमय मुखोपाध्याय ने बताया कि लिफ्ट बंद होने की सूचना पर जांच की गई। पावर सप्लाई बंद होने की सूचना थी, लेकिन ऐसा नहीं था। लिफ्ट में मशीन का कोई पार्ट खराब होने का अनुमान है। हमने कंपनी को सूचना दे दी है। तब तक लिफ्ट को बंद किया है।