सीएसवीटीयू इस फैसले के बाद प्रदेश का इकलौता विवि बन गया है, जिसमें विद्यार्थियों से 2500 रुपए नामांकन के लिए चार्ज होंगे। अन्य विवि में यह राशि अब भी सौ रुपए ही है। इसके पीछे विवि ने तर्क दिया है कि छात्रों को दी जा रही सुविधाओं पर खर्च बढ़ गया है। विवि का खजाना भी खाली है, जिसको देखते हुए यही निर्णय ठीक लगा। विवि ने छात्रों की परीक्षा फीस आधी कर दी है, जिसे एक झटके में बराबर कर दिया गया। खास बात यह है कि परीक्षा शुल्क से लेकर डिग्री हासिल करने तक सीएसवीटीयू छात्रों से सभी शुल्क वसूलता है। फिर भी विवि यहां छात्रों पर होने वाले खर्च की दुहाई देकर अपना पल्ला झाड़ रहा है।
विवि में पहले ऑफलाइन एग्जाम को लेकर छात्र विद्रोह कर रहे थे, लेकिन अब इस नए मामले में छात्र संगठन आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इधर, विवि प्रबंधन ने कहा है कि देश में जितने भी तकनीकी विश्वविद्यालय संचालित है, उसमें यही नामांकन शुल्क लगता है। सभी पहलुओं को देखने के बाद ही फीस वृद्धि का फैसला लिया गया।