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कोरोना महामारी में मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी गई राशि का कलेक्टर ने अस्पताल प्रभारियों से मांगा हिसाब, खर्च का देना पड़ेगा ब्यौरा

कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से आवंटित राशि का कलेक्टर ने संबंधित प्रभारियों से हिसाब मांगा है। जिसमें राशि का व्यय पत्रक और उपयोगिता प्रमाण पत्र देने कहा है।

दुर्गJun 02, 2021 / 02:14 pm

Dakshi Sahu

कोरोना महामारी में मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी गई राशि का कलेक्टर ने अस्पताल प्रभारियों से मांगा हिसाब, खर्च का देना पड़ेगा ब्यौरा

कोरोना महामारी में मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी गई राशि का कलेक्टर ने अस्पताल प्रभारियों से मांगा हिसाब, खर्च का देना पड़ेगा ब्यौरा

भिलाई. कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष (Mukhyamantri Sahayata Kosh

) से आवंटित राशि का कलेक्टर ने संबंधित प्रभारियों से हिसाब मांगा है। जिसमें राशि का व्यय पत्रक और उपयोगिता प्रमाण पत्र देने कहा है। कोरोना महामारी के वक्त रोकथाम से संबंधित काम के लिए यह अग्रिम राशि आवंटित की गई थी। जिसका उपयोग अगर किया गया है तो कहां यह जानकारी मांगी जा रही है। सीएम सहायता कोष से रकम अस्पतालों को अप्रैल 2021 के दौरान दी गई। कलेक्टर ने प्रभारियों से कहा है कि नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम से संबंधित कामों के लिए जो अग्रिम राशि दी गई थी, प्रभारी उस रकम को कहां खर्च किए उससे संबंधित जानकारी प्रमाण पत्र के साथ पेश करें। इसके बाद जितनी रकम बच गई है, उसे तत्काल वापस किया जाए।
43 लाख यहां किए आवंटित
मुख्यमंत्री सहायता कोष से जीवनदीप समिति, उतई को एक बार दस लाख और दूसरे बार पांच लाख दिया गया। इसी तरह से जीवनदीप समिति, सिविल अस्पताल सुपेला को दस लाख रुपए दिए गए थे। जीवनदीप समिति, पाटन को एक बार तीन लाख और दूसरी बार 15 लाख रुपए दिए गए थे। इस रकम का उपयोग नोवेल कोरोना वायरस के रोकथाम में किया जाना था।
जुटा रहे प्रमाण
मुख्यमंत्री सहायता कोष के रकम को कहां खर्च किए, उसके उपयोगिता का प्रमाण पत्र एकत्र किया जा रहा है। इसके लिए विभाग के जिम्मेदारों से जहां से दवा पर्चेस किए गए वहां से संबंधित बिल लाने के लिए कहा जा रहा है। जिससे उसका प्रमाण भी पेश किया जा सके। कोरोना महामारी के समय कोरोना दवा का किट स्वास्थ्य विभाग, दुर्ग से उपलब्ध करवाया जा रहा था। इसके अलावा वाहनों को काम पर लगाने के लिए जो टेंडर निकाला गया, उसमें कौन एल-1 आया, उससे संंबंधित जानकारी भी दी जानी है।
यहां किए रकम खर्च
कोरोना काल के दौरान मुख्यमंत्री सहायता कोष से मिले रकम को प्रभारियों ने ऑक्सीजन रिफलिंग, कर्मियों के मानदेय, दवाई खरीदी, मास्क, सर्जिकल ग्लब्स, पीपीई किट, वाहनों पर खर्च किया है। इससे संबंधित दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। जिसे कलेक्टर के समझ जल्द पेश कर दिया जाएगा।
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, पाटन डॉक्टर आशीष शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री सहायता कोष से मिले पैसे का इस्तेमाल वाहन किराए पर लेने, मास्क, सैनिटाइजर, दवाइयां खरीदने और कर्मियों के मानदेय में उपयोग किए हैं। हिसाब तैयार कर भेजा जा रहा है। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, निकुम डॉ. देवेंद्र बेलचंदन ने बताया कि सीएम सहायता कोष से उतई को पहले दस और बाद में पांच लाख रुपए मिले हैं। जिससे तीन ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीन, ऑक्सीजन रिफलिंग, कर्मियों के मानदेय का भुगतान, आइसोलेशन सेंटर तैयार किए हैं। पांच लाख खर्च हुआ, दस लाख वापस किया जाएगा।
खरीदी गई दवाइयां, सर्जिकल ग्लब्स
सविल अस्पताल सुपेला प्रभारी डॉ. पीयाम सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दवाइयां, सर्जिकल ग्लब्स खरीदा गया। कर्मियों को मानदेय दिए गए। वाहन किराए पर लिए थे। कोरोना महामारी के वक्त जहां-जहां राशि खर्च हुई है, उससे संबंधित जानकारी भेजी जा रही है।

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