CG Education: डी. फार्मा करने वाले विद्यार्थियों के लिए नया नियम, देना होगा एग्जिट एग्जाम, नहीं तो…
CG Education: इसके संबंध में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशंस इन मेडिकल साइंस (एनबीईएमएस) ने फार्मेसी एग्जिट एग्जामिनेशन (डीपीईई) की घोषणा कर दी है। एग्जिट एग्जाम 3 से 5 अक्टूबर तक कराई जाएगी।
CG Education: डिप्लोमा इन फार्मेसी यानी डी. फार्मा करने वाले विद्यार्थियों को इस साल एग्जिट एग्जाम भी देना होगा। जिस तरह अभी तक विदेशों से एमबीबीएस करके लौटने वाले विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई साबित करने एग्जिट एग्जाम देना होता है, ठीक वैसा ही इतेहान डी.फार्मेसी के विद्यार्थियों का भी कराया जाएगा।
यह भी पढ़ें: CG Education: एमबीए, एमसीए व बीएड की पढ़ाई भी अतिथि शिक्षकों के हवाले, चल रही भर्ती प्रक्रिया इसके संबंध में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशंस इन मेडिकल साइंस (एनबीईएमएस) ने फार्मेसी एग्जिट एग्जामिनेशन (डीपीईई) की घोषणा कर दी है। एग्जिट एग्जाम 3 से 5 अक्टूबर तक कराई जाएगी। इस परीक्षा में ट्विनसिटी के 2390 विद्यार्थियों के साथ प्रदेशभर के करीब 9 हजार विद्यार्थी शामिल होंगे। एग्जिट एग्जाम के लिए आवेदन 24 अगस्त से ऑनलाइन भरने का सिलसिला शुरू हो गया है। छात्रों को 13 सितंबर तक अपना आवेदन जमा करने को कहा गया है।
ऐसे छात्र जो आवेदन के साथ परीक्षा शुल्क जमा करेंगे, वे आवेदन में 16 से 18 सितंबर तक बदलाव कर सकेंगे। 24 और 25 सितंबर त्रृटि सुधार करने आखिरी दो दिन मिलेंगे। आवेदन शुल्क 5 हजार रुपए है, जिसपर विद्यार्थी को 900 रुपए जीएसटी भी देना होगा। इस तरह शुल्क 5900 हो जाएगा। आवेदन जमा करने वाले 30 सितंबर तक प्रवेशपत्र निकाल सकेंगे। अभ्यर्थियों को कंप्यूटर आधारित परीक्षा से परिचित कराने एक डेमो टेस्ट उपलब्ध कराया जा रहा है।
CG Education: इसी साल से किया गया लागू
डिप्लोमा इन फार्मेसी एग्जिट एग्जाम को इसी साल से प्रदेश में लागू किया गया है। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी को ही छत्तीसगढ़ में फार्मासिस्ट के रूप में पंजीयन के लिए पात्र माना जाएगा। हालांकि इस नए नियम से पूर्व के साल में डिप्लोमा कर चुके अभ्यर्थियों को दूर रखा गया है। यह नियम पहले ही राज्य फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन करा चुके फार्मासिस्टों के लिए बाहर रखा गया है। डीपीईई परीक्षा हर वर्ष मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर में दो बार आयोजित की जाएगी।
CG Education: आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत
पीसीआई का कहना है कि जिस तरह अभी इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों को सिर्फ फीस की बुनियाद पर देखा जाता है, वैसे हालात फार्मेसी में न आए और गुणवत्ता खराब न हो इसलिए यह एग्जिट टेस्ट कराया जा रहा है। फार्मेसी में थोड़ी सी भी लापरवाही होने पर खामियाजा उस व्यक्ति को भुगतना पड़ सकता है, जो दवाई की दुकान पर दवा खरीदने पहुंचता है।
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) से जारी नए रेगुलेशन के हिसाब से इस परीक्षा में विषयों पर आधारित तीन पेपर होंगे। तीनों पेपर तीन लगातार दिनों में होंगे और उनकी भाषा अंग्रेजी होगी। प्रत्येक पेपर ऑब्जेक्टिव पैटर्न पर होगा। हर पेपर में 150 प्रश्न पूछे जाएंगे।
अभ्यर्थियों को तीनों पेपर में अलग-अलग 50 प्रतिशत अंक लाने होंगे और एक ही प्रयास में सभी पेपर पास करने होंगे तभी उत्तीर्ण माना जाएगा। पेपर में नकारात्मक अंक यानी माइनस मार्किंग नहीं होगा। अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी कितने भी बार परीक्षा में बैठ सकेगा। ऐसे में जब तक यह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं होते, तब तक कितने भी साल में बार-बार एग्जाम दिया जा सकेगा। इसके अलावा जब तक यह एग्जाम क्लीयर नहीं हो जाता, तब तक न तो पंजीयन कराए जा सकेंगे और न ही उन्हें फार्मेसी दुकान या किसी अन्य फील्ड में इस डिप्लोमा के उपयोग का अधिकार होगा।
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