ब ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने ऑनलाइन नामांकन जमा नहीं कराया है अब उन्हें विवि पहुंचकर कारण बताना होगा। विवि ने स्पष्ट किया है कि प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले ३९ हजार विद्यार्थियों के नामांकन मिले हैं। यह आंकड़ा लगभग पूरा हो गया है, इसलिए अब दोबारा से ऑनलाइन विंडो खोलना जरूरी नहीं है। जो विद्यार्थी चूक गए हैं, अब उन्हें विवि से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद विवि तय करेगा कि वे अपना फार्म कैसे जमा करा पाएंगे।
दरअसल, विवि नामांकन व अन्य फार्मों के लिए कोई भी विलंब नहीं ले रहा। ऐसे में विद्यार्थियों की तरफ से लगातार लापरवाही हो रही है। इससे पूर्व वर्ष भी विवि ने नामांकन की तिथि बढ़ाई थी, लेकिन फिर भी काफी विद्यार्थी चूक गए। बाद में उन्हें ऑफलाइन फार्म भरने पड़े। इससे विवि का काम बढ़ गया। यही नहीं ऑनलाइन-ऑफलाइन के चक्कर में कई तरह की दिक्कतें भी सामने आईं।
एलएलबी के नतीजे हुए जारी
विवि प्रशासन ने शनिवार को एलएलबी भाग-एक के द्वितीय सेमेस्टर का रिजल्ट घोषित कर दिया। इस परीक्षा में २०८ विद्यार्थी शामिल हुए। जिनमें से ८५ पास और ४१ फेल हैं। ८० विद्यार्थियों को एटीकेटी दी गई है। इसी तरह विभिन्न कारणों से दो के रिजल्ट रोके गए। इस परीक्षा का परिणाम ४०.८७ फीसदी रहा। एलएलबी भाग-दो के पहले सेमेस्टर का एटीकेटी रिजल्ट भी आ गया है।
परीक्षा में शामिल हुए ४२ विद्यार्थियों में से ३३ पास हुए हैं। ४ विद्यार्थी फेल हैं। ५ को एटीकेटी दी गई है। परीक्षा परिणाम ७८.५७ फीसदी रहा है। इसके पूर्व विवि एलएलबी के अन्य रिजल्ट भी जारी कर चुका है। रजिस्ट्रार दुर्ग विश्वविद्यालय डॉ. एसके त्रिपाठी ने बताया कि अब ऑनलाइन नामांकन दोबारा से शुरू नहीं होंगे। जो विद्यार्थी फार्म नहीं भर पाए हैं, वे विवि पहुंचकर संपर्क करें।