पूरा गांव गमगीन हो गया पांच जनों के एक साथ शव आने के बाद पूरा गांव गमगीन हो गया। एक तो सुथार परिवार था ओर दूसरा पुरोहित परिवार, उनके रिश्तेदार और पूरा गांव एक साथ रो उठा। बड़े बुजुर्ग परिजनों को ढांढस बंधाते रहे तो कुछ युवा आंखों में आंसू लिए अंतिम संस्कार की तैयारियों में लगे हुए रहे। जब एक ही परिवार की चार अर्थियां निकली तो हर किसी की आंखें भर आईं। उन दो मासूमों का क्या गुनाह था, जो जिंदगी को देख ही नहीं सकी और भगवान ने उन्हें उठा लिया। कई लोग को मौके पर बेसुध हो गए।
राजेंद्र के परिवार में चौथा सड़क हादसा मृतक राजेंद्र पुरोहित के परिवार में ये चौथा सड़क हादसा है जिसमे किसी की जान गई है, 1975 में उनके पिता वासुदेव, 1998 में चहेरे भाई कृष्ण वल्लभ की, 2002 में उनके भाई किशोर पुरोहित की तथा अब स्वयं राजेंद्र की सड़क हादसे में ही मौत हुई।
जनवरी में थी दोनो बच्चों की शादी राजेन्द्र पुरोहित की पुत्री ऋतु व पुत्र फाल्गुन की शादी जनवरी माह में होनी थी। अभी घर का लोन स्वीकृत हुआ था, जिसके लिए घर आ रहे थे पर होनी को कुछ और ही मंजूर था।
तीन का दाह संस्कार और दो मासूम पृथ्वी को समर्पित मृतक पांच जनों में से तीन का दाह संस्कार किया गया, और दो मासूमों को पृथ्वी मां को समर्पित किया। तीन जनों की अर्थियां एक साथ जलीं। वहीं पहली बार देवरानी जेठानी की अर्थिया एक साथ उठीं व साथ जलाई। इस मौके पर आसपुर एडीएम भगीरथ शाह, सागवाड़ा तहसीलदार डायालाल पाटीदार, सरपंच राजेंद्र परमार, उप प्रधान हितेश रावल, सरोदा सरपंच पन्नालाल डोडियार,सरोदा पुलिस चौकी प्रभार नाथूलाल यादव मय जाप्ता उपस्थित थे।
घायलों का इलाज जारी हादसे में घायल खडलई निवासी महेंद्र डिंडोर पुत्र बालकिशन, सरोदा निवासी गिरीश पुत्र वासुदेव डिंडोर, सरोदा निवासी रविना पुत्री रमेशचंद्र डिंडोर, खडलई निवासी नितेश पुत्र माणकलाल डिंडोर, गोवर्धन पुत्र गणेशलाल और सरोदा निवासी प्रहलाद पुत्र विजयसिंह चालक भी गंभीर रूप से घायल हुए, इनका इलाज चल रहा है। वहीं वाहन चालक प्रहलाद की हालत नाजुक बताई जा रही है जिसे अहमदाबाद रैफर कर दिया गया है।