सुबह 7 बजे पहुंची ट्रेन
डूंगरपुर में पहली बार इलेक्ट्रिक पावर से पैसेंजर ट्रेन रविवार सुबह ठीक सात बजे पहुंची। इससे पहले गाड़ी संख्या 19315 इंदौर से शनिवार शाम को ठीक 5:55 पर रवाना हुई तथा देवा, उज्जैन, नागदा, रतलाम, मंदसौर, नीमच, निम्बाहेड़ा, चित्तौडगढ़, कपासन, फतेहनगर, मावली, उदयपुर, जावर, जयसमंद, सेमारी, ऋषभदेव होते हुए सुबह ठीक सात बजे डूंगरपुर पहुंची तथा यहां चार मिनट होल्ड करते हुए यह असारवा के लिए रवाना हुई। इलेक्ट्रिक पावर पैसेंजर ट्रेन ठीक 10 बजकर 50 मिनट पर असारवा स्टेशन पहुंची।
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हो सकती है समय की बचत
सूत्रों के अनुसार इंदौर और कोटा से असारवा आवागमन करने वाली ट्रेनों में अब तक सिटी स्टेशन उदयपुर में डीजल इंजन लगाया जाता था। ऐसे में ये रेलगाड़ियां करीब आधे घंटे तक स्टेशन पर खड़ी रहती थी। शुरूआत से अंत तक अब इलेक्ट्रिक इंजन से चलने पर आने वाले समय में रेलवे प्रबंधन इस समय को कम कर सकता है।
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अब ये होगा लाभ
- उदयपुर से असारवा ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन से पैसेंजर गाड़ी शुरू होने से कई लाभ होंगे। सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरण संरक्षण है।
- इलेक्ट्रिक इंजन जल्दी स्पीड पकड़ता है। वहीं, कंट्रोल भी आसान है। इसका पावर अधिक होने से डिब्बों में भी बढ़ोतरी की जा सकती है।
- देश के कई प्रमुख रेल मार्गों पर इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य हो चुका है। ऐसे में आने वाले समय में अहमदाबाद होकर दक्षिण भारत और अन्य जगहों के लिए स्पीड में रेलगाड़ियां चलाई जा सकेगी।
डूंगरपुर बनेगा सेतू
असारवा से उदयपुर तक रेलवे लाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद दक्षिणी भारत से अहमदाबाद होकर उदयपुर रेल मार्ग जुड़ेगा। इसके साथ ही मुंबई, चेन्नई, बेंगलूरू, हैदराबाद, सोमनाथ की ट्रेनों के अहमदाबाद से उदयपुर तक विस्तार और ओखा- नाथद्वारा ट्रेन को वाया हिम्मतनगर चलाने की भी संभावना है। इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य पूर्ण होने से अब डूंगरपुर से दिल्ली की दौड़ भी आसान हो सकती है।
थोड़े की ओर है आस
दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर जिले में ट्रेन की सौगात 11 जनवरी 1961 से मिली। मीटर गेज लाइन पर उदयपुर से अहमदाबाद तक भाप इंजन से ट्रेन चला करती थी। वर्ष 2008 में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इस लाइन को ब्राडगेज में तब्दील करने की घोषणा की। करीब डेढ़ दशक बाद 15 जनवरी 2022 को उदयपुर अहमदाबाद ब्राण्डगेज लाइन पर उदयपुर से असारवा ट्रेन शुरू हुई। इसके बाद डूंगरपुर का मेवाड़, गुजरात के साथ ही मालवा सहित अन्य राज्यों से भी नाता जुड़ा है। अब यात्री भार भी काफी अधिक बढ़ा है। समय की मांग को देखते हुए इस लाइन पर इलेक्ट्रीफिकेशन का कार्य करवाया गया है। अब डूंगरपुर के ट्रेक को लुणावाणा वाया सीमलवाड़ा तथा डूंगरपुर से रतलाम वाया बांसवाड़ा से जोड़ दिया जाए, तो इस क्षेत्र में विकास की गंगा बहेगी। वहीं, डूंगरपुर की बड़ौदा, सूरत, वापी, मुम्बई की कनेक्टिविटी समय की मांग है। डूंगरपुर सहित उदयपुर संभाग के बड़ी संख्या में लोग शिक्षा एवं रोजगार के उद्देश्य से इन शहरों में रहते हैं और इनका नियमित आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में इस लाइन पर इस रुट की ट्रेन शुरू होनी जरूरी है।
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रेलवे ने किया स्वागत
डूंगरपुर में पहली बार इलेक्ट्रिक पावर पैसेंजर ट्रेन के पहुंचने पर स्थानीय रेलवे स्टेशन पर NWREU के कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। इस दौरान स्टेशन अधीक्षक अशोककुमार, मुख्य टिकट अधीक्षक सतीश पटेल, पीडब्ल्यूआई प्रद्युम्नसिंह, पीपीएफ वीरेन्द्र रत्नाकर, जीआरपी इंचार्ज सुरेश, वरिष्ठ लिपिक करण टेलर सहित मिलिंद, फारुख एवं अमिभेरव गुप्ता ने परस्पर बधाई देते हुए श्रीफल वधेरा।